न्यायधीश शनि देव को मनाने के सरल उपाय

न्यायधीश शनि देव को मनाने के सरल उपाय

प्रेषित समय :21:04:47 PM / Fri, Feb 26th, 2021

मान्यता है कि, धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होता है. मगर ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है. शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं. शनि प्राय: किसी को क्षति नहीं पहुंचाते, लेकिन अति की स्थिति में अनेक ऐसे सरल तरीके हैं, जिनका प्रयोग कर हम लाभ उठा सकते हैं. जिनका प्रयोग कर हम शनि की शांति कर सकते हैं और जीवन में दुख दूर कर कामयाबी की ओर बढ़ सकते हैं.

इन उपायों से खुश करें शनि देव को:-

शनि देव की पूजा के लिए कड़ी अराधना करनी होती है. खासकर शनि की साढ़ेसाती से परेशान लोगों को शनिदेव की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए. इनकी पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान करना चाहिए. यहां हम आपको बता रहे हैं शनि देव की पूजा से जुड़ी बातें जिनका हमें पूजा करने से पहले जान लेना चाहिए.

1.शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें.

2.शनिदेव को तेल चढ़ाना चाहिए लेकिन इस बाद का ध्यान रखना चाहिए कि तेल इधर-उधर गिरे न. तेल को सावधानी से इस्तेमाल करें.

3.शनिवार को काला तिल और गुड़ चीटों को खिलाएं. इसके अलावा शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है.

4.शनिदेव की पूजा मूर्ति के सामने खड़ें न हों. शनि के उस मंदिर में जाएं, जहां शनि शिला के रूप में हों. इस दिन सात्विक आहार लें.

5.शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल और शमी के पेड़ की पूजा करें. इसके अलावा शनि के सामनें तेल का दीपक जलाएं.

6.शनि की पूजा करने वालों का दूसरों के प्रति व्यवहार अच्छा होना चाहिए. इन लोगों को गरीबों, दीन दुखियों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए.

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक़ भिन्न-भिन्न भावों में शनि का फल भी भिन्न-भिन्न होता है. शनि सूर्य-पुत्र के नाम से ख्यात है. कहते हैं कि शनि जिसे चाहे राजा से रंक बना देता है !!

1. हनुमान चालीसा का पाठ करें :-

हनुमान चालीसा का नियमित पाठ शनिदेव के प्रकोप से बचने का रामबाण उपाय है. अगर आप ढैया या साढे साती से गुजऱ रहे हैं और शनि द्वारा दिए कष्टों से पीडि़त हैं, तो हनुमान चालीसा आपके लिए अचूक औषधि की तरह है.

2. शनि मंत्र का जाप :-

कहते हैं कि, मन्त्रों में इतनी शक्ति होती है कि उनका सही उपयोग मरे हुए को भी जि़न्दा कर सकता है. हर देवता का अपना मन्त्र होता है, जिसको विधि-पूर्वक जपना उस देवता को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीक़ा है. शनि देव के निम्न मंत्र का 40 दिनों में 19,000 बार जप साढ़ेसाती में बहुत लाभ देता है -

मंत्र -   ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:

शनि-मंत्र के बीज अक्षरों की अपरिमित शक्ति ढैया और साढ़े साती के ताप का शमन करती है. शनिदेव के इस मन्त्र का लाभ सभी को लेना चाहिए. साथ ही दशरथ कृत शनि स्तोत्र भी शनि के दुष्प्रभावों से बचने का बेहतरीन उपाय है.

3. तिल, तेल और छायापात्र का दान :-

तिल, तेल और छायापात्र शनिदेव को अत्यन्त प्रिय माने जाते हैं. इन चीज़ों का दान शनि की शान्ति का प्रमुख उपाय है. मान्यता है कि यह दान शनि देव द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से निजात दिलाता है. छायापात्र दान की विधि बहुत ही सरल है. मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तैल लें, उसमें अपनी छाया देखकर उसे दान कर दें. यह दान शनि के आपके ऊपर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को दूर कर उनका आशीर्वाद लाता है.

4. (काला धतूरा ) की अभिमंत्रित जड़ धारण करें :-

वैदिक ज्योतिष में विभिन्न जड़ों की मदद से ग्रहों की शान्ति का विधान है. कई ज्योतिषियों का मानना है कि रत्न धारण करना नुक़सान भी पहुँचा सकता है, लेकिन जड़ धारण करने से ऐसी आशंका नहीं रहती है.  रत्न ग्रह की शक्ति बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं जडिय़ाँ ग्रहों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोडऩे का कार्य करती हैं.

शनिदेव को ख़ुश कर उनकी कृपा पाने के लिए ग्रन्थों में  अभिमंत्रित (काले धतूरे)की जड़ को धारण करने की सलाह दी गई है. (काले धतूरे )की जड़ का छोटा-सा टुकड़ा गले या हाथ में बांधकर धारण किया जा सकता है. इस जड़ी को धारण करने से शनि की ऊर्जा आपको सकारात्मक रूप से मिलने लगेगी और जल्दी ही आपको ख़ुद अन्तर महसूस होगा.

5. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें:--

जडिय़ों की ही तरह रुद्राक्ष को भी हानि रहित उपाय की मान्यता प्राप्त है. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना न सिफऱ् भगवान शिव को प्रसन्न करता है, बल्कि इससे शनिदेव का आशीर्वाद भी दिलाता है. पुराणों के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है और लक्ष्मी मैया की कृपा हमेशा बनी रहती है. साथ ही सेहत से जुड़ी समस्याओं में भी इसे बहुत प्रभावी माना जाता है. इस रुद्राक्ष को सोमवार या शनिवार के दिन गंगा जल से धोकर धारण करने से शनि जनित कष्टों से छुटकारा मिलता है और समृद्धि प्राप्त होती है.                            

ऐसे बचें शनि की साढ़े साती से:--

लोग शनि की दिशा,साढ़े साती का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं जिसके लिए वह मुंहमांगे कीमत देकर इसका उपाये करने में लगे रहते हैं. लेकिन बहुत कम लोगों ये जानते हैं कि अगर कुछ बातों को ध्यान  रखा जाए तो शनि की साढ़े सती उन्हें ज्यादा परेशान नहीं करेगी.

1- शराब तथा अन्य नशे से दूरे रहें.

2- किसी परस्त्री के साथ रिश्ता न रखें.

3- किसी का दिल न दुखाएं.

4- महिलाओं का आदर करें.

5- सुबह जल्दी उठकर भगवान का ध्यान करें.

6- परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिल जुलाकर रहेंं.

7- भैरवजी की उपासना करें और शाम के समय काले तिल के तेल का दीपक लगाकर शनि दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें.

8- किसी धार्मिक कार्यक्रम में ईधन जैसे लकड़ी, कोयला आदि दान करने से शनि का बुरा प्रभाव टल जाता हैं.

9- समय समय पर शनि मंदिर में चिमटा, चमड़े की जूतियां आदि का दान करें.

किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए पं. वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें - 9131735636

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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