नई दिल्ली. राजधानी की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच सरकार ने किसानों को एक तोफा दिया है. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जोरों पर है इसी बीच पंजाब की कांग्रेस सरकार ने कई अन्नदाताओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. जिसमें राज्य सरकार 1.13 किसानों के 1,186 करोड़ रुपये के कर्जों को माफ कर रही है. जिसका ऐलान भी किया जा चुका है. पंजाब सरकार ने बजट में किसानों को 7,180 करोड़ रुपये की ऊर्जा सब्सिडी देने का भी ऐलान किया.
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया
दरअसल राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया है जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अन्नदाताओं को लेकर बड़ा ऐलान किया, इसके अलावा पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार ने भूमिहीन किसानों को भी बड़ी राहत दी है और किसानों के लिए 526 करोड़ रुपये के लोन माफ करने का फैसला लिया है. पंजाब सरकार ने किसानों के लिए कामयाब किसान, खुशहाल पंजाब स्कीम की शुरुआत की है. जिसके तहत फाजिल्का में सब्जियों के लिए उत्कृष्टता समेत कई अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
किसानों को इन स्कीमों से साथ होने के दिए संकेत
बता दें कि बीते तीन महीनों से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे किसानों को इन स्कीमों के जरिए राज्य सरकार ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि वह उनके साथ है. दरअसल केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का शनिवार को सौवां दिन है और इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन खत्म नहीं होने जा रहा और वे च्च्मजबूती से बढ़ रहे हैं.
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि इस लंबे आंदोलन ने एकता का संदेश दिया है और च्च्एक बार फिर किसानों को सामने लेकर आया है और देश के सियासी परिदृश्य में उनकी वापसी हुई है. बीते करीब तीन महीनों से दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान डटे हुए हैं. इन किसानों में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान शामिल हैं.
सरकार और किसान संघों के बीच कई दौर की बातचीत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक जरूरत होगी वे प्रदर्शन जारी रखने के लिये तैयार हैं. इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा रहे किसान नेताओं में से एक टिकैत ने बताया, हम पूरी तरह तैयार हैं. जब तक सरकार हमें सुनती नहीं, हमारी मांगों को पूरा नहीं करती, हम यहां से नहीं हटेंगे. सरकार और किसान संघों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद दोनों पक्ष किसी समझौते पर अब तक नहीं पहुंच पाए हैं और किसानों ने तीनों कानूनों के निरस्त होने तक पीछे हटने से इनकार किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब सरकार का बड़ा ऐलान: किया 1.13 लाख किसानों का 1186 करोड़ रुपये का कर्ज माफ
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