रियाद. सऊदी अरब में पेट्रोलियम प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद पहले से ही लगातार तेजी से चढ़ रह वैश्विक कच्चा तेल बाजार में कीमतों में सोमवार को उछाल आ गया. तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के मंच (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों की पिछले सप्ताह हुई बैठक में उत्पादन में कटौती को करीब-करीब बनाए रखने के फैसले के बाद कच्चे तेल के बाजार में कीमतें चढऩे का सिलसिला पहले ही तेज हो गया था. प्रमुख तेल उत्पादक सऊदी अरब के प्रतिष्ठनों पर हमले की खबर से बाजार और भड़क गया.
बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाला ब्रेंट क्रूड सोमवार को 1.14 डॉलर उछल कर 70.14 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया. एक साल से अधिक समय बाद पहली बार ब्रेंट कच्चा तेल 70 से ऊपर गया है. शुक्रवार को इसका भाव 2.62 डॉलर तेज हुआ था.
अमेरिकी क्रूड आयल भी 1.10 डॉलर उछल कर 67.19 प्रति बैरल पर पहुंच गया. शुक्रवार को इसमें 2.26 डॉलर का उछाल आया था और इसका भाव 66.09 पर चला गया था. पिछले साल कोराना वायरस संक्रमण और सरकारों की ओर से यात्राओं पर लागू सार्वजनिक पाबंदियों के चलते कच्चा तेल टूट गया था. पर पिछले कुछ समय से इसमें तेजी लौट आई है. अमेरिका में पिछले महीने भारी ठंड और हिमपात के कारण वहां तेल उत्पादन में प्रतिदिन 40 लाख बैरल की कमी आई थी, जिससे अमेरिकी कच्चा तेल 60 डॉलर के ऊपर चला गया था. पिछले सप्ताह ओपेक गठबंधन और रूस तथा अन्य उत्पादक देशों की बैठक में दैनिक तेल उत्पादन को वर्तमान स्तर पर ही बनाए रखने से तेल के पहले से मजबूत हो रहे बाजार को और हवा मिल गई.
दैनिक कटौती समाप्त करने की मांग
भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ता देशों ने ओपेक से उत्पादन में दैनिक कटौती को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. पर ओपेक ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया. सऊदी अरब के नेतृत्व में देशों के एक गठबंधन ने रविवार को यमन की राजधानी और कुछ अन्य प्रांतों पर हवाई हमले किए. ये हमले सऊदी अरब की तेल कंपनियों पर मिसाइल और ड्रोन से किए गए हमलों के जवाब में किए गए थे. बताया गया है कि सऊदी अरब पर हमले ईरान की शह पर किए गए हैं.
हमले में नहीं हुआ नुकसान
सऊदी प्रेस एजेंसी ने पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि उनके खिलाफ समुद्र से छोड़े गए ड्रोन सऊदी अरब सरकार की कंपनी अरामको द्वारा परिचालित बंदरगाह रास तुनूरा पर तेल भंडार क्षेत्र पर गिरे. हालांकि इस रिपोर्ट में अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है. अधिकारी ने दावा किया कि हमले में सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों को कोई क्षति नहीं पहुंची. सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्रालय ने हमले की निंदा करते हुए हुए कहा कि यह तोड़-फोड़ की कार्रवाई है जिसमें ने केवल सऊदी अरब बल्कि विश्व की ईंधन आपूर्ति व्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा को निशाना बनाया गया है. कच्चे तेल की कीमत बढऩे से ऊर्जा की लागत बढ़ जाती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमिताभ और अक्षय को नाना पटोले की धमकी, कहा तेल की कीमतों पर रुख करें स्पष्ट
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