नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा में रुत्र के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली में रामराज्य की अवधारणा लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है, जब भी यह मंदिर बनकर तैयार होगा वह दिल्ली के सभी बुजुर्गों को फ्री में अयोध्या में राम मंदिर दर्शन कराने लेकर जाएंगे.
केजरीवाल ने कहा कि मैं भगवान राम और हनुमान का भक्त हूं. हम जनता की सेवा के लिए रामराज्य की संकल्पना से प्रेरित होकर 10 सिद्धांतों का पालन करते आ रहे हैं. हम जिन सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं उनमें खाद्य पदार्थ मुहैया कराना, चिकित्सा देखभाल, महिला सुरक्षा, बुजुर्गों को सम्मान देना आदि शामिल हैं.
केजरीवाल ने कहा कि प्रभु श्रीराम हम सबके अराध्य हैं. मैं व्यक्तिगत तौर पर हनुमान जी का भक्त हूं और हनुमान जी श्रीराम जी के भक्त हैं, इस नाते में दोनों का भक्त हूं. प्रभु श्रीराम अयोध्या के राजा थे, उनके शासनकाल में सब लोग सुखी थे, किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था, इसलिए उसे रामराज्य कहा गया. राम राज्य एक अवधारणा है. रामचंद्र जी भगवान थे, हम उनके सामने एक तुच्छ इंसान हैं. हम उनसे किसी भी प्रकार से तुलना नहीं कर सकते, लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर अगर हम रामराज्य के रास्ते पर चलकर एक सार्थक कोशिश भी कर सकें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा. राम राज्य की उसी अवधारणा को दिल्ली में साफ-सुथरी नीयत से लागू करने के लिए पिछले छह साल से हम प्रयासरत हैं. इसके लिए हमने रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर अपने 10 मुख्य बिंदु बनाए हैं.
राम राज्य से प्रेरणा लेकर सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के लिए बनाए 10 सिद्धांत -
1. कोई भूखा ना सोए
2. बच्चों को अच्छी शिक्षा
3. सभी को बेहतर इलाज
4. 24&7 मुफ़्त बिजली
5. सभी को मुफ्त पानी
6. सभी को रोजगार
7. बेघरों को मकान
8. महिलाओं को सुरक्षा
9. बुजर्गों को सम्मान
10. सभी को समान अधिकार
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले छह वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए काम को क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. पिछले 70 साल में दोनों राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर षड्यंत्र के तहत इस देश के बच्चों को अनपढ़ रखा और देश के लोगों को गरीब रखा. दिल्ली में पिछले 5-6 सालों में शिक्षा क्षेत्र में जो काम हुआ है उसे क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. अब गरीबों के बच्चे भी फर्राटे की अंग्रेजी बोल रहे हैं, वे इंजीनियर और डॉक्टर बन रहे हैं. सरकारी स्कूल के बच्चे अमीरों के बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद से केवल दो पार्टियों ने इस देश में राज किया. इन्होंने शिक्षा व्यवस्था को जानबूझकर गरीब और अनपढ़ रखा है. ये चाहते थे कि ये बच्चे अनपढ़ और गरीब रहेंगे तो अमीरों को अपनी फैक्ट्रियों और घरों के लिए सस्ते मजदूर मिल सकेंगे.
केजरीवाल ने कहा कि पिछले 1 साल में देश और दिल्ली ने कोरोना महामारी का सामना किया. नेता चाहे कितनी भी तारीफ कर लें, लेकिन अस्पताल में इलाज तो डॉक्टर्स ने किया. हम और सदन दिल से डॉक्टर्स, नर्सेस, फ्रंटलाइन वॉरियर्स और वैज्ञानिकों का धन्यवाद करते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-किसान महापंचायत में अरविंद केजरीवाल ने कृषि क़ानूनों को डेथ वारंट करार दिया!
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