बीजिंग। चीन गोबी के मरुस्थल से उठे भीषण रेतीले तूफान में बुरी तरह से घिर गया है। इस तूफान की वजह से सैकड़ों फ्लाइटों को रद कर दिया गया है। हवा की गुणवत्ता का स्तर बहुत ही ज्यादा खराब हो गया है।
पीले रंग में रंगा चीन, गोबी मरुस्थल बना संकट की वजह
गोबी मरुस्थल काफी विशाल और बंजर है जो पश्चिमोत्तर चीन से लेकर दक्षिणी मंगोलिया तक पसरा हुआ है। चीन के मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है और बताया है कि यह धूलभरी आंधी इनर मंगोलिया से लेकर चीन के गांसू, शांक्सी और हेबेई तक फैले हैं जो पेइचिंग के चारों स्थित है। धूलभरी आंधी की वजह से पेइचिंग के हवा की गुणवत्ता पाताल में पहुंच गई है। यहां इंडेक्स सोमवार सुबह अधिकतम स्तर यानि 500 तक पहुंच गया है। पीएम10 का स्तर कई जिलों में बहुत खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रतिदिन पीएम 10 का स्तर 50 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वास्तव में पीएम 2.5, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले कणों का स्तर भी 300 माइक्रोग्राम के ऊपर पहुंच गया है। चीन में यह मानक 35 माइक्रोग्राम है। राजधानी पेइचिंग में साल के इस मौसम में ऐसी धूलभरी आंधी असामान्य नहीं है।
पेइचिंग में 400 उड़ानें रद, जापान तक होगा असर
गोबी के मरुस्थल के पास होने और पश्चिमोत्तर चीन में वनों के क्षरण की वजह से पेइचिंग का संकट काफी बढ़ गया है। चीन अब इस इलाके की इकोलॉजी को सुधारने के लिए काम कर रहा है। पेइचिंग के पड़ोसी शहरों से भी प्रदूषण यहां पर पहुंच रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन और मंगोलिया में उठे इस तूफान का असर अन्य पड़ोसी देशों पर भी पड़ सकता है। इस तूफान की वजह से ऊंची-ऊंची इमारतों से घिरे पेइचिंग के लोगों का संकट बहुत बढ़ गया है। कुछ दूरी के बाद दिखाई नहीं दे रहा है। ट्रैफिक रेंग-रेंगकर चल रहा है। बताया जा रहा है कि अब तक पेइचिंग में 400 से ज्यादा उड़ानों को रद किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तूफान का असर जापान तक पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि चीन अपने शहरों का लगातार विस्तार कर रहा है, इससे संकट बढ़ गया है।
खतरनाक हवा में सांस ले रही दुनिया की 90% आबादी
दुनियाभर के कई देशों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। पिछले साल आईक्यू एयर की एक स्टडी में दावा किया गया था कि दुनिया की 90 प्रतिशत आबादी असुरक्षित हवा में सांस ले रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से क्लाइमेट चेंज जैसी घटनाएं हो रही हैं। प्रदूषण से एक साल में दुनिया भर में 70 लाख मौतें हो जाती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की राजधानी पेइचिंग की हवा में काफी सुधार हुआ है। वह दुनियाभर के प्रदूषित 200 शहरों की लिस्ट से बाहर हुआ है। भारत में पीएम 2.5 का स्तर 500 प्रतिशत से भी अधिक है। हालांकि 2018 के मुकाबले 2019 में प्रदूषण में यहां 20 प्रतिशत की कमी आई है। 98 प्रतिशत शहरों में सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साउथ एशिया में सबसे अधिक प्रदूषित देश भारत और पाकिस्तान हैं। दुनिया के 30 टॉप प्रदूषित शहरों में 21 भारत के और 5 पाकिस्तान के हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान के सीनेट में चीन के खिलाफ भारी हंगामा, संसद में मिले चीनी जासूसी कैमरे
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