नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की महंगाई की वजह से भले की आम जनता की जेब कट रही हो, लेकिन भारत सरकार इससे खूब मालामाल हो रही है. केंद्र सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि इन दोनों ईंधनों से उसकी आय में पिछले 6 साल में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे वह करीब तीन लाख करोड़ रुपये की कमाई करती है.
केंद्र सरकार ने सोमवार को इस बारे में लोकसभा में जानकारी दी. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने मोदी सरकार के आने के पहले साल में 2014-15 के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क से 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क से 42,881 करोड़ रुपये अर्जित किए. लेकिन अब पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का कर संग्रह पिछले छह साल में 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है.
ठाकुर ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने के दौरान पेट्रोल और डीजल पर कर संग्रह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया है. गौरतलब है कि देश में पेट्रोल-डीजल के दाम काफी अधिक है. देश के अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल 90 से 100 रुपये लीटर के बीच है वहीं डीजल भी 85 से 95 रुपये लीटर के बीच है.
इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपेक्षाकृत कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद राज्य और केंद्र सरकारें देश में इसकी बिक्री पर उच्च कर वसूल रही हैं. जानकारों का कहना है कि कोरोना की वजह से सरकार की वित्तीय सेहत गड़बड़ है. ऐसे में राजस्व संग्रह के मोर्चे पर सरकार को चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः जनता की जेब जलती रहेगी, पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी का प्रस्ताव नहीं?
संसद में सरकार का कांग्रेस-जेडीयू के सवाल पर संकेत, कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
जबलपुर: रिग एसोसिएशन का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न, डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम पर जताई चिंता
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विपक्ष का हंगामा, 1 बजे तक स्थगित हुई राज्यसभा की कार्यवाही
Leave a Reply