राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार की आशंका, फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट में दावा, दैसो ने क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर दिए रुपए

राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार की आशंका, फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट में दावा, दैसो ने क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर दिए रुपए

प्रेषित समय :15:02:00 PM / Mon, Apr 5th, 2021

पेरिस/नई दिल्ली. फ्रांस की समाचार वेबसाइट मीडिया पार्ट ने एक बार फिर राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार की आशंकाओं के साथ सवाल उठाए हैं. फ्रेंच भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी एएफए की जांच रिपोर्ट के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक, दैसो एविएशन ने कुछ बोगस नजर आने वाले भुगतान किए हैं. कंपनी के 2017 के खातों के ऑडिट में 5 लाख 8 हजार 925 यूरो (4.39 करोड़ रुपए) क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर खर्च दर्शाए गए. मगर इतनी बड़ी धनराशि का कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. मॉडल बनाने वाली कंपनी का मार्च 2017 का एक बिल ही उपलब्ध कराया गया.

एएफए के पूछने पर दैसो एविएशन ने बताया कि उसने राफेल विमान के 50 मॉडल एक भारतीय कंपनी से बनवाए. इन मॉडल के लिए 20 हजार यूरो (17 लाख रुपए) प्रति नग के हिसाब से भुगतान किया गया. हालांकि, यह मॉडल कहां और कैसे इस्तेमाल किए गए इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया. मीडिया पार्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉडल बनाने का काम कथित तौर पर भारत की कंपनी डेपसिस सोल्युशन को दिया गया. यह कंपनी दैसो की भारत में सब-कॉन्ट्रैक्टर कंपनी है. इसका स्वामित्व रखने वाले परिवार से जुड़े सुषेण गुप्ता रक्षा सौदों में बिचौलिए रहे और दैसो के एजेंट भी.

सुषेण गुप्ता को 2019 में अगस्ता-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार भी किया था. मीडिया पार्ट के अनुसार सुषेण गुप्ता ने ही दैसो एविएशन को मार्च 2017 में राफेल मॉडल बनाने के काम का बिल दिया था.

चुनाव के बीच फिर निकलेगा राफेल का जिन्न

फ्रांसीसी वेबसाइट के इस दावे के बाद एक बार फिर राफेल रक्षा सौदों का जिन्न बाहर आ सकता है. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल सौदे में हुए भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था. पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 5 अप्रैल को होना है. जाहिर है कांग्रेस को केंद्र सरकार पर हमला बोलने के लिए तरकश में एक और तीर मिल गया है.

सच्चाई सभी के सामने आई - कांग्रेस

मामले में कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस पूरे लेन-देन को गिफ्ट टू क्लाइंट की संज्ञा दी गई. अगर ये मॉडल बनाने के पैसे थे, तो इसे गिफ्ट क्यों कहा गया? क्या ये छिपे हुए ट्रांजेक्शन का हिस्सा था. ये पैसे जिस कंपनी को दिए गए, वो मॉडल बनाती ही नहीं है. 60 हजार करोड़ रुपए के राफेल रक्षा सौदे से जुड़े मामले में सच्चाई सामने आ गई है. ये हम नहीं फ्रांस की एक एजेंसी कह रही है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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