रमेश सर्राफ धमोरा. देश में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में एकाएक भारी वृद्धि हो रही हैं जिससे आम आदमी डरकर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा है. पिछले कुछ महीनों से कोरोना को लेकर देश में गंभीर लापरवाही देखी जा रही है. जिसका नतीजा है कि इन दिनों कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी होने लगी है.
देश के महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कई प्रदेशों में तो कोरोना संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ने लगी है. पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान लगी पाबंदियों को सरकार ने धीरे-धीरे समाप्त कर दिया था मगर पाबंदी हटाने के उपरांत भी सरकार गाइडलाइन जारी कर लोगों को सचेत करती रहती है. सरकार ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग रखने, लगातार मास्क लगाने व एक स्थान पर निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के एकत्रित नहीं होने की सलाह देती रही है मगर लोग लॉकडाउन हटने के साथ ही देश को कोरोना मुक्त समझकर सरकारी निर्देशों की अवहेलना करने लगे. उसी का नतीजा आज हमें कोरोना की तीसरी लहर के रूप में देखने को मिल रहा है.
देश के पांच राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव हो रहे हैं. जहां नेताओं द्वारा भारी भीड़ जुटाकर बड़ी बड़ी जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है. बहुत से प्रदेशों में नगरीय निकाय व पंचायती राज के चुनाव संपन्न हुए हैं. वहां भी कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. रेल, बसों में खचाखच सवारियां भरकर सफर किया जा रहा है. बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है. शादी विवाह व अन्य धार्मिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक समारोह में बड़ी संख्या में लोग एक स्थान पर एकत्रित हो रहे हैं जिससे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है.
देश में आमजन को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है मगर उसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि हर देशवासियों को कोरोना की वैक्सीन लगाने में वर्षों लग जाएंगे. 16 जनवरी से देश में कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी. ढाई माह बीत जाने के बाद अब तकरीबन 6 करोड़ लोगों को ही कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लग पाई है. कोरोना वैक्सीन लगाने में भी सरकार द्वारा कई तरह की बंदिशे लगाई गई है जिस कारण देश के हर व्यक्ति को कोरोना से बचाव का टीका नहीं लग पाया है.
अब सरकार ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए इजाजत दी है जबकि कम आयु के लोग कोरोना के बड़े स्प्रेडर हैं क्योंकि उनके द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर अधिक यात्राएं की जाती हैं. देश में अब तक करीब 1.21 करोड़ लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. करीब 1.14 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं. 1.62 लाख लोगों ने जान गंवाई है. 5.48 लाख लोगों का इलाज चल रहा है.
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है कि भारत के 18 राज्यों में नए कोरोना वायरस के 771 वेरिएंट मिले हैं. इनमें से 736 यूके वैरिएंट, 34 मामले दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट और एक मामला ब्राजील वेरिएंट का सामने आया है. भारत सरकार का कहना है कि महाराष्ट्र और पंजाब चिंता का विषय हैं. इन दो राज्यों के अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश में भी कोरोना के मामले डराने लगे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दस जिलों में से आठ महाराष्ट्र में हैं.
कोरोना वायरस की नई लहर कई मामलों में पिछले साल से भी अधिक खतरनाक नजर आ रही है. भारत में पिछले कई दिनों से हर रोज 80 हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आ रहें है. पिछले साल जब कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था तब देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिससे कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया गया था मगर जैसे-जैसे देश अनलॉक होता गया, देश में कोरोना केस की रफ्तार भी बढ़ती गई.
सितंबर अक्टूबर 2020 में भारत में 18 हजार से 50 हजार एक्टिव मामले 32 दिन में पहुंचे थे लेकिन इस बार 11 मार्च से 27 मार्च के बीच यह आंकड़ा पहुंच गया जो बहुत डरावना है. पहले की तरह इस बार भी सबसे अधिक कोरोना का संक्रमण महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र में पिछले साल जहां 11 हजार से 22 हजार केस पहुंचने में 31 दिन लगे थे इस बार यह आंकड़ा सिर्फ 9 दिन में ही पार हो गया है. मुंबई शहर तो कोरोना का घातक शिकार बना हुआ है.
महाराष्ट्र जैसा हाल ही गुजरात का है. जहां बीते एक हफ्ते से हर रोज 1500 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. पंजाब में भी हर रोज 2500 से ज्यादा कोरोना के पॉजिटिव के केस आ रहे हैं. पंजाब में कोरोना के यूके वेरिएंट के सबसे अधिक केस चिंता की बात है. महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक में मौजूदा केस का 70 फीसदी से अधिक हिस्सा है. इन प्रदेशों में हर दिन कोरोना की रफ्तार और भी तेज हो रही है. सिर्फ कोरोना के केस ही नहीं बल्कि इनसे होने वाली मौतों में हो रही बढ़ोत्तरी भी चिंता बढ़ा रही है दिसंबर के बाद मार्च महीने में पहली बार मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. पिछले हफ्ते से देश में हर दिन 200 से अधिक मौतें हो रही है. यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
भारत में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट मिला है जिसे डबल म्युटेंट का नाम दिया जा रहा है. यह महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य में पाया जा रहा है जिसकी वजह से कोरोना के नए मामले और मृत्यु की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है. इस साल 24 मार्च को केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोनावायरस के नए मामले आने को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना के नए डबल म्यूटेंट वेरिएंट को दिल्ली, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में पाया गया है जो पहले ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में मिला था. देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में यह वायरस पाया गया है.
देश के 18 राज्यों के 10,787 सैंपल में कुल 771 वेरिएंट मिले हैं. इनमें 736 यूके, 34 साउथ अफ्रीकन और एक ब्राजीलियन है. जिन राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, वहां अलग म्यूटेशन प्रोफाइल का पता चला है. देश में पिछले छह-आठ महीने में सबसे ज्यादा फैलने वाले कोविड वेरिएंट में नए वेरिएंट शामिल हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है. कुछ राज्यों के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है. केंद्र सरकार ने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि जिन दस जिलों में सर्वाधिक उपचाराधीन मामले हैं, उनमें पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु नगरीय, नांदेड़, दिल्ली और अहमदनगर शामिल हैं. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पाल का कहना है कि कोविड-19 संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है. पिछले कुछ सप्ताह में खासकर कुछ राज्यों में यह एक बड़ी चिंता विषय है. किसी भी राज्य या जिले को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा हम काफी अधिक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं. पूरा देश जोखिम में है. इसलिए इसे रोकने और जीवन बचाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी हाईकोर्ट ने कहा: कोरोना जांच, इलाज में लूट बर्दाश्त नहीं, उचित दरें निर्धारित करे सरकार
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