पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से हर आम प्रभावित है, इसके बाद भी कई निजी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में इलाज व जांच के नाम पर लूट मची हुई है, अस्पताल प्रबंधन रुपया कमाने में लगा हुआ है, जिसे देखते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा है कि किसी भी कीमत पर आमजन का शोषण नही होना चाहिए, सरकार इलाज की उचित दरें निर्धारित करें.
एमपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस संजय द्विवेदी ने कोरोना संक्रमण संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर कोरोना के नाम पर लोगों का शोषण नहीं होना चाहिए, कोरोना संबंधी जितनी भी जांच है उसके तय रेट की एक सूची बनाई जाए और उसका प्रदेश में प्रचार, प्रसार हो, जिससे आमजन के साथ किसी तरह का छल न हो सके. हाईकोर्ट ने सरकार को कोरोना के इलाज के संबंध में रेट लिस्ट निर्धारित कर इसका प्रचार, प्रसार करने के आदेश दिए है.
गौरतलब है कि एमपी के अधिकतर निजी अस्पताल में करीब एक साल से कोरोना वायरस के इलाज को लेकर लूट मची हुई है, निजी अस्पताल प्रबंधन मनमाने दाम पर कोरोना वायरस की जांच कर रहे है, जब लोग रेट की सूची मांगते है तो अस्पताल प्रबंधन आनाकानी करते हुए बाहर का रास्ता दिखाना शुरु कर देता है, कई अस्पतालों में तो यह भी देखने को मिला है कि इलाज के नाम पर लाखों रुपए वसूल लिए गए, इसके बाद डिस्चार्ज के वक्त अलग से बिल थमा दिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में दिनों दिन बिगड़ते जा रहे हालात, फिर मिले 298 कोरोना संक्रमित
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