श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक मस्जिद में आतंकवादी घुस गए और उसके बाहर सुरक्षा बल और चिंतित स्थानीय लोग जमा हो गए. कश्मीर के शोपियां शहर की स्थिति विस्फोटक थी और चुनौती यह थी कि धार्मिक स्थल को बचाते हुए आतंकवादियों को ढेर किया जाए और इस मिशन को अंजाम दिया गया. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर के इस अशांत शहर में 20 साल से अधिक समय में पहली बार पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया. इस बीच दहशतगर्दों के माता-पिता और इलाके के प्रतिष्ठित नागरिकों ने करीब 17 बार उनसे आत्मसमर्पण की अपील की.
उन्होंने बताया कि गुरुवार की रात और शुक्रवार की दोपहर को माहौल तनावपूर्ण हो गया और लाउडस्पीकर से जामा मस्जिद के अंदर घुसे आतंकवादियों से उनके माता पिता, नागरिक और सेना के कर्मी लगातार अपील कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि दहशतगर्दों से बातचीत करने के लिए कुछ लोगों को मस्जिद में भेजा गया, ताकि वे शांतिपूर्ण तरीके से बाहर आ जाएं. जब इसमें कामयाबी नहीं मिली तो आखिरकार, शुक्रवार दोपहर को, प्रतिबंधित संगठन अंसार गज़वतुल हिंद के पांच में से अंतिम आतंकी को मार गिराया गया और मस्जिद को न्यूनतम नुकसान हुआ. अंसार गज़वतुल हिंद, जैश-ए-मोहम्मद का मुखौटा संगठन है.
घटना के बारे में अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों के आत्मसमर्पण से इनकार करने पर 44 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बल अडिग रहे और मस्जिद के पास तक पहुंच गए.मस्जिद की पवित्रता बनाए रखने की थी चिंता दक्षिण और मध्य कश्मीर में आतंकवाद से निपटने वाली विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल रश्मि बाली ने कहा, हमारी मुख्य चिंता आतंकवादियों को ढेर करते हुए मस्जिद की पवित्रता को बनाए रखने की थी. इससे भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों से निपटने के दौरान हमारे सैनिकों को काफी खतरा था. उन्होंने कहा कि संदेश दृढ़ था कि राज्य के खिलाफ हथियार उठाना कोई विकल्प नहीं है और इस पर वाजिब प्रतिक्रिया दी जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के मस्जिद में छुपे होने की सूचना पर बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को करीब एक बजे दहशतगर्दों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ. सूचना मिलते ही इलाके की घेराबंदी कर ली गई और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उनमें से तीन आतंकवादियों को भोर तक ढेर कर दिया गया, जबकि अन्य दो को शुक्रवार दोपहर दो बजे तक मार गिराया गया. सेना ने आतंकवादियों की गतिविधियों पर करीब से निगाह रखने के लिए ड्रोन तैनात किए थे. यह पहली बार है कि जब शोपियां में मस्जिद के अंदर आतंकवादियों को घेरा गया. शोपियां में पिछली बड़ी मुठभेड़ 1990 के दशक के अंत में हुई थी जब चार आतंकवादियों को ढेर किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान: 12 इंजीनियर को कोर्ट ने माना आतंकवादी, 7 साल पहले ऐसे रची थी साजिश
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