मेडिकल दुकान मैं 18 हजार रुपए में बिक रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन

मेडिकल दुकान मैं 18 हजार रुपए में बिक रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन

प्रेषित समय :20:42:26 PM / Sun, Apr 11th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में कोरोना मरीजों के साथ निजी अस्पतालों द्वारा किस तरह का अमानवीय रवैया अपनाया जा रहा है, इसका ताजा उदाहरण आज शाम 7 बजे सिटी अस्पताल में देखने को मिला, जहां पर मरीज को भरती करने से मना कर दिया गया, जबकि मरीज की हालत बहुत ज्यादा गंभीर रही, इसी तरह मालवीय चौक गुरुद्वारा के बाजू में मुनीष मेडिकल दवा दुकान का संचालक रेमडेसिविर इंजेक्शन 18 हजार रुपए में बेच रहा था, इस बात की खबर मिलते ही जिला प्रशासन व पुलिस की टीम पहुंच गई और दुकान को सील कर दिया.

                     बताया जाता है कि मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार करने के लिए चर्चित हो चुके नेपियर टाउन स्थित सिटी अस्पताल का एक और कारनामा आज शाम देखने को मिला, जहां पर एक व्यक्ति को उसके परिजन कार से लेकर पहुंचे, जिन्हे सांस लेने में बहुत तकलीफ रही, यहां पर मरीज के परिजनों ने उपचार करने के लिए आग्रह किया तो डाक्टरों ने साफ मना कर दिया, यहां तक कि कार से उतरने तक नहीं दिया, ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि निजी अस्पताल सरकार के नियमों का पालन कर रहे है, जबकि मरीज के परिजन रो-रो कर गुहार लगा रहे थे, लेकिन निजी अस्पताल प्रबंधन किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं था. इधर मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी, पिछले दिनों भी सरकार द्वारा निर्धारित रेट के बाद भी सिटी अस्पताल द्वारा अधिक राशि वसूली जा रही थी, इस बात की शिकायत मिलने पर मुख्य स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी रत्नेश कुररिया ने नोटिस जारी किया था, यह मामला अभी शांत नहीं हुआ कि फिर मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है.

मुनीष मेडिकल को किया सील-

इसी तरह रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी होने के बाद दवा दुकान संचालकों ने इसकी कालाबाजारी शुरु कर दी है, जबलपुर में दवा दुकान संचालक मनमाने रेट पर इंजेक्शन बेच रहे है, कोरोना जैसे संकटकाल में मानवता को परे रखकर दवा दुकान संचालक सिर्फ मुनाफाखोरी व कालाबाजारी करने में जुटे है, आज मालवीय चौक गुरुद्वारा के बाजू में मुनीष मेडिकल दुकान का संचालक रेमडेसिविर इंजेक्शन 18 हजार रुपए में बेच रहा था, आज इस बात की खबर मिलते ही जिला प्रशासन व पुलिस की टीम पहुंच गई, जिन्होने दुकान को सील कर दिया, चर्चाओं में यह बात सामने आई कि जिस दिन से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी शुरु हुई, उसी दिन से मुनीष मेडिकल दुकान का संचालक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में जुट गया था. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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