नई दिल्ली. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की वित्त वर्ष 2021 में घरेलू खपत सालाना आधार पर 9.1 फीसदी गिरकर 194.7 मिलियन टन हो गई है. इसकी वजह मुख्य तौर पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वित्त वर्ष में ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल की कम बिक्री है. पेट्रोलियम की बिक्री FY99 के बाद पहली बार गिरी है, जिसके लिए डेटा सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल के पास उपलब्ध है.
डीजल का इस्तेमाल, जिसमें कुल प्रोडक्ट सेल्स का 40 फीसदी शामिल है, 11.9 फीसदी गिरकर वित्त वर्ष 2021 में 72.7 MT हो गया. जबकि, पेट्रोल की डिमांड 6.7 फीसदी गिरकर 27.9 MT पर आ गई है.
एविएशन टरबाइन फ्यूल वित्त वर्ष में 53.2 फीसदी गिरकर 3.7 MT हो गया. ऐसा कई देशों में कोरोना वायरस बने रहने की वजह से लागू वैश्विक सफर प्रतिबंधों के कारण हुआ. सरकार के अर्थव्यवस्था में गैस का शेयर बढ़ाने के लक्ष्य के मुताबिक, लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस का इस्तेमाल वित्त वर्ष 2021 में सालाना आधार पर 4.9 फीसदी बढ़कर 27.6 MT हो गया. bitumen की खपत, जो अधिकतर रोड निर्माण में इस्तेमाल होता है, सालाना आधार पर 5.9 फीसदी बढ़कर 7.1 MT हो गई.
कुल प्रोडक्ट की खपत में मार्च में सालाना आधार पर 18.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. जबकि, डीजल का इस्तेमाल 27.6 फीसदी के इजाफे के साथ 7.2 MT पर पहुंच गया. मार्च के आंकड़े वित्त वर्ष 2020 के समान महीने के साथ तुलनात्मक हैं, जब पहली बार देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था. वित्त वर्ष 2020 में पेट्रोलियम उत्पाद की घरेलू खपत सालाना आधार पर केवल 0.4 फीसदी बढ़कर 214.1 MT हो गई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिकवाली के दबाव में टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में आयी गिरावट
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