बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. संबित पात्रा को बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण को रद्द कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण नहीं बनता. राजनीतिक दबाव में उन पर मामला दर्ज किया गया प्रतीत होता है.
डा.पात्रा के खिलाफ रायपुर और भिलाई में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया. साथ ही बीजेपी के अन्य प्रवक्ता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा ने भी अपने ऊपर कांकेर में हुए आपराधिक प्रकरण को चुनौती देते हुए याचिका दायर की. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय के अग्रवाल ने डा. पात्रा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर पहले ही रोक लगा दी थी. पूर्व में इस मामले में याचिकाकर्ता पात्रा के वकील ने अंतिम सुनवाई का आग्रह किया था. इस बीच कई महीने से मामला लंबित रहा. बीच में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अस्वस्थ थे. दरअसल, उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी. इसके चलते कोर्ट ने सुनवाई की तिथि बढ़ा दी थी.
पिछले चार मार्च को इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील के साथ ही सभी पक्षों की जिरह हुई. इसके साथ ही कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. सोमवार को हाई कोर्ट के जस्टिस अग्रवाल ने इस बहुचर्चित प्रकरण पर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण को रद करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि डा संबित पात्रा ने ट्विटर पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर टिप्पणी की थी. जिसके बाद एनएसयूआइ के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए शिकायत की थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी-छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके, धरती कांपी, हड़कम्प
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