नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों के 1 लाख से ज्यादा आने का क्रम टूटने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 15 फरवरी से 100 दिन बाद तक संक्रमण की यह लहर जारी रहेगी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल के मध्य में संक्रमण के मामले पीक पर पहुंच सकते हैं. बता दें 4 अप्रैल से अब तक हर रोज 1 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं.
गौरतलब है मंगलवार को भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,61,736 नए मामले सामने आने के साथ देश में इस महामारी के मामले बढ़कर 1,36,89,453 हो गए. कोविड-19 से पीडि़त लोगों के ठीक होने की दर और गिर गई, अब यह 89.51 प्रतिशत है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार की सुबह आठ बजे के अपडटे आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
बताया गया कि संक्रमण के कारण और 879 लोगों की मौत होने से मरने वालों की कुल संख्या 1,71,058 हो गई. संक्रमण के दैनिक मामलों में लगातार 34वें दिन हुई बढ़ोतरी के बीच देश में उपचाराधीन लोगों की संख्या बढ़कर 12,64,698 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 9.24 प्रतिशत है.
एसबीआई की रिपोर्ट को ग्रुप के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने लिखा है. रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि लॉकडाउन और प्रतिबंध अब तक कोरोना के प्रसार को रोकने में प्रभावी नहीं दिखे हैं. वैक्सीन के जरिए ही इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
एसबीआई की रिसर्च में कहा गया है कि दूसरी लहर की पूरी अवधि 15 फरवरी से 100 दिनों तक की हो सकती है. यानी 25 मई के बाद और जून के पहले हफ्ते तक स्थिति नियंत्रित होने के आसार हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय महामारी को नियंत्रित करने के लिए भारत बेहतर स्थित में है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीनेशन भी गति पकड़ रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों को देखकर समझा जा सकता है कि प्रतिबंधों के बावजूद कोरोना केस बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट ने इशारा किया है कि कोरोना को रोकने के लिए अब वैक्सीनेशन ही एक मात्रा आशा है. कहा गया है कि अगर लोग और बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन में दिलचस्पी दिखाएंगे तो अगले चार-पांच महीनों में 45 के ऊपर की पूरी आबादी को टीका दिया जा सकेगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 1 अप्रैल से 45 के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीनेशन की छूट दे दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2021 से भारत में संक्रमण की दूसरी लहर देखी जा रही है. दैनिक मामले फिर से बढ़ रहे हैं. पूरे देश में दूसरी लहर के दौरान कुल मामले 25 लाख तक आ सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पहली लहर के दौरान दैनिक नए मामलों के मौजूदा स्तर से लेकर देश अप्रैल के मध्य तक पीक पर पहुंच सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक कोविड-19 का अनुभव बता रहा है कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर ज्यादा तेज और मजबूत है. फिलहाल वैक्सीन की मौजूदगी से फर्क पड़ेगा है. ऐसे में भारत स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय लॉकडाउन एवं प्रतिबंधों से संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. लॉकडाउन अप्रभावी है और सामूहिक टीकाकरण एकमात्र उम्मीद है. महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों के मामले में यह दिखाई दे रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना वायरस का नया वैरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक और संक्रामक, आरटी-पीसीआर टेस्ट भी हो रहा फेल
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