आज का दिनः गुरुवार 15 अप्रैल 2021, भौतिक सुख- वाहन, मकान आदि चाहिए तो देवी चन्द्रघंटा की आराधना करें!

आज का दिनः गुरुवार 15 अप्रैल 2021, भौतिक सुख- वाहन, मकान आदि चाहिए तो देवी चन्द्रघंटा की आराधना करें!

प्रेषित समय :19:34:21 PM / Wed, Apr 14th, 2021

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

* देवी दुर्गा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.
* देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है.
* देवी के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.
* देवी चंद्रघंटा के दस हाथ हैं जिनमें इन्होंने शंख, कमल, धनुष-बाण, तलवार, कमंडल, त्रिशूल, गदा आदि शस्त्र धारण कर रखे हैं.
* सिंह पर सवार देवी चंद्रघंटा का युद्ध के लिए सुसज्जित स्वरूप है.  
* देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से शुक्र ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है इसलिए वृष-तुला राशि वालों को देवी की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.
* जिन श्रद्धालुओं की शुक्र की दशा-अंतर्दशा चल रही हो उन्हें भी देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
* भौतिक सुख- वाहन, मकान आदि की कामना रखने वाले श्रद्धालुओं को देवी चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए.
* जिन श्रद्धालुओं के पत्नी से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी चंद्रघंटा की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी.
* जिन श्रद्धालुओं को ऊपरी बाधा की परेशानी हो उन्हें देवी चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए, राहत मिलेगी.
* देवी चंद्रघंटा की इस मंत्र से पूजा-अर्चना करें... देवी चन्द्रघण्टायै नम:॥

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा. वाहन सावधानी से चलाएँ. कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी. पूजा-पाठ में मन लगेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. झंझटों में न पड़ें. उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है.

वृष राशि:- (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
अपने काम से काम रखें. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें. आवास संबंधी समस्या हल होगी. आलस्य न करें. सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे. चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कुसंगति से हानि होगी.

मिथुन राशि:- (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा. व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी. व्यापार अच्छा चलेगा. रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा. राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा. प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. क्रोध पर नियंत्रण रखें. लाभ होगा.

कर्क राशि:- (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
व्यापार अच्छा चलेगा. कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी. रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है. पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी. लाभदायक समाचार मिलेंगे. भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे. रोजगार मिलेगा. शत्रु भय रहेगा. निवेश व नौकरी लाभ देंगे.

सिंह राशि:- (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. विवाद न करें. सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी. आर्थिक अनुकूलता रहेगी. रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा. राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं.

कन्या राशि:- (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
व्यावसायिक चिंता रहेगी. संतान के व्यवहार से कष्ट होगा. सहयोगी मदद नहीं करेंगे. व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें. वाहन चलाते समय सावधानी रखें. उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. शत्रु सक्रिय रहेंगे. शोक समाचार मिल सकता है. थकान महसूस होगी.

तुला राशि:- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
मेहनत का फल मिलेगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. व्यवसाय ठीक चलेगा. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा. व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है. कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें. धनार्जन होगा.

वृश्चिक राशि:- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे. पूर्व कर्म फलीभूत होंगे. परिवार में सुखद वातावरण रहेगा. व्यापार में इच्छित लाभ होगा. अतिथियों का आवागमन रहेगा. उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी. स्वाभिमान बना रहेगा. नई योजनाओं की शुरुआत होगी. संतान की प्रगति संभव है.

धनु राशि:- (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा. व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बेरोजगारी दूर होगी. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. जोखिम न लें. क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें. सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी.

मकर राशि:- (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. व्ययवृद्धि होगी. तनाव रहेगा. अपरिचितों पर विश्वास न करें. प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए. रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है. विरोधी परास्त होंगे. यात्रा कष्टप्रद हो सकती है. धैर्य एवं संयम बना रहेगा.

कुम्भ राशि:- (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी. धन प्राप्ति के योग हैं. स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे. संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन मिलेगा. प्रसन्नता रहेगी. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
नई योजना बनेगी. कार्यप्रणाली में सुधार होगा. मान-सम्मान मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें. कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी. कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें. व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- गुरुवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- शुभ                               पहला- अमृत
दूसरा- रोग                             दूसरा- चर
तीसरा- उद्वेग                       तीसरा- रोग
चौथा- चर                             चौथा- काल
पांचवां- लाभ                      पांचवां- लाभ
छठा- अमृत                        छठा- उद्वेग
सातवां- काल                         सातवां- शुभ
आठवां- शुभ                         आठवां- अमृत

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

- पंचांग-
गुरुवार, 15 अप्रैल, 2021
गणगौर
मत्स्य जयन्ती
शक सम्वत 1943 प्लव
विक्रम सम्वत 2078
काली सम्वत 5123
दिन काल 12:50:20
मास चैत्र
तिथि तृतीया - 15:28:59 तक
नक्षत्र कृत्तिका - 20:33:01 तक
करण गर - 15:28:59 तक, वणिज - 28:49:05 तक
पक्ष शुक्ल
योग आयुष्मान - 17:18:44 तक
सूर्योदय 05:56:20
सूर्यास्त 18:46:40
चन्द्र राशि वृषभ
चन्द्रोदय 07:48:59
चन्द्रास्त 21:42:59
ऋतु वसंत
अग्निवास आकाश - 03:27 पी एम तक, पाताल
भद्रावास स्वर्ग से 04:47 ए एम, अप्रैल 16 से पूर्ण रात्रि
नक्षत्र शूल पश्चिम से 08:33 पी एम से पूर्ण रात्रि
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास दक्षिण

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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