*07 अप्रैल: पापमोचिनी एकादशी-* पुराणों के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी पाप मोचिनी है अर्थात पाप को नष्ट करने वाली.
*09 अप्रैल: प्रदोष व्रत, वारुणी योग, हिंगलाज माता जयंती* ,-मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं. जो भी लोग अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं. प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है.
*10 अप्रैल: मासिक शिवरात्रि*- मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाएगी. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
*11 अप्रैल, रविवार: श्राद्ध अमावस्या.*
*12 अप्रैल, सोमवार: सोमवती अमावस्या , हरिद्वार कुंभ मेला शाही स्नान*
*13 अप्रैल: घटस्थापना, चैत्र नवरात्रि प्रारंभ- होली के बाद हिन्दू धर्म का एक मुख्य त्योहार आने वाला है और यह त्योहार चैत्र नवरात्रि है. मां नवदुर्गे का यह त्योहार बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. इसी दिन गुड़ी पड़वा और नया विक्रम संवत् 2078 शुरू होगा.*
*14 अप्रैल: चेटी चंड, मेष संक्रांति, बैशाखी, शाही स्नान, खरमास -* वैसाखी एक ऐसा त्योहार है जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा के साथ उत्तरी भारत में मनाया जाता है.
*15 अप्रैल गुरुवार सौभाग्य सुंदरी व्रत, मनोरथ तृतीया, गणगोर तीज*
*16 अप्रैल: विनायक चतुर्थी*- शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी तथा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.
*21 अप्रैल: राम नवमी*- रामनवमी हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व है. यह त्योहार भगवान श्रीराम को समर्पित है. इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था.
*22 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि पारण*- चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 22 अप्रैल गुरुवार को किया जाएगा. इस दिन विधि पूर्वक व्रत का पारण करना चाहिए.
*23 अप्रैल: कामदा एकादशी*- इस दिन पाप से मुक्ति के लिए उपवास रखा जाता है. दरअसल चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी कहते हैं.
*24 अप्रैल: शनि प्रदोष-* शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है. यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है. शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है. यह व्रत करने वाले को शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करना चाहिए.
*25 अप्रैल, रविवार: महावीर जयंती*
*26 अप्रैल: चैत्र पूर्णिमा-* इस दिन उपवास रखा जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार यह चैत्र माह की अंतिम तिथि होती है. चंद्रमा इस दिन अपने पूर्ण रूप में होता है.
*27 अप्रैल, मंगलवार: चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती व्रत, हरिद्वार चतुर्थ शाही स्नान*
*28 अप्रैल बुधवार : आसों दोज, कच्छपावतार, पोडषकारण व्रत पूर्ण आशा द्वितीया, वैशाख स्ना. प्रा.*
*30 अप्रैल 2021 संकष्टी चतुर्थी*
चैत्र नवरात्रि 2021
हिंदू धर्म में शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे तो साल में नवरात्रि 4 बार आती है लेकिन इनमें से 2 नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती है जो माघ महीने में और आषाढ़ महीने में आती है. तो वहीं बाकी 2 नवरात्रि यानी चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक होता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नव वर्ष यानी कि नव सम्वत्सर की शुरुआत होती है.*
*पंचांग के अनुसार नवरात्रि का पर्व इस वर्ष 13 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी. इस दिन अश्विनी नक्षत्र और विश्कुंभ योग बन रहा है. इसी दिन घटस्थापना की जाएगी. चैत्र नवरात्रि का समापन 22 अप्रैल 2021 को किया जाएगा.*
चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त*
*चैत्र घटस्थापना मंगलवार, अप्रैल 13, 2021 को*
घटस्थापना मुहूर्त – 05:58 ए एम से 10:14 ए एम
अवधि – 04 घण्टे 16 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:56 ए एम से 12:47 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 51 मिनट्स
*घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.*
*प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ –* अप्रैल 12, 2021 को 08:00 ए एम बजे
*प्रतिपदा तिथि समाप्त –* अप्रैल 13, 2021 को 10:16 ए एम बजे
*चैत्र नवरात्रि की तिथियां*
*पहला दिन- 13 अप्रैल 2021- शैलपुत्री*
*दूसरा दिन- 14 अप्रैल 2021- ब्रह्मचारिणी*
*तीसरा दिन- 15 अप्रैल 2021- चंद्रघंटा*
*चौथा दिन- 16 अप्रैल 2021- कूष्मांडा*
*पांचवां दिन- 17 अप्रैल 2021- स्कंदमाता*
*छठा दिन- 18 अप्रैल 2021- कात्यायनी*
*सातवां दिन- 19 अप्रैल 2021- कालरात्रि*
*आठवां दिन- 20 अप्रैल 2021- महागौरी , दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी*
*नौवां दिन- 21 अप्रैल 2021- सिद्धिदात्री , नवमी हवन*
*चैत्र महीने में सूर्य और देवी की उपासना लाभदायक होती है. नाम यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य की उपासना करें. शक्ति और ऊर्जा के लिए देवी की उपासना करें.*
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