रक्षामंत्री राजनाथ के पास कोरोना का इलाज, बोले- रामायण पाठ करो, दवा का काम करेगा, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

रक्षामंत्री राजनाथ के पास कोरोना का इलाज, बोले- रामायण पाठ करो, दवा का काम करेगा, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

प्रेषित समय :17:25:39 PM / Fri, Apr 23rd, 2021

नई दिल्ली/लखनऊ. जब से कोरोना की दूसरी लहर ने देश को तहस-नहस करना शुरु किया है तब से ही लखनऊ के सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वैसे तो लापता हैं, लापता इसलिए क्योंकि वे कुछ करते हुए नहीं दिख रहे. लेकिन वे सोचते हैं कि रामचरित मानस का पाठ करने से कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से लोगों की जान बच सकती है.

अभी रामनवमी के मौके पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मानस का पाठ करने से लोगों में सकारात्मक विचार बढ़ते हैं. उन्होंने कहा, यह एक दवा की तरह काम करता है. धर्म और आध्यात्म का पालन करना कोरोना के खिलाफ दवा की तरह काम करेगा. इस कार्यक्रम में लोक गायिका मालिनी अवस्थी भी थीं, जिनके पति उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं.

राजनाथ सिंह की बात की हामी भरते हुए मालिनी अवस्थी ने कहा, मानस का पाठ करने से निगेटिव न्यूज से लड़ा जा सकता है और हमारा ध्यान कोविड से हट जाएगा.  रामचनित मानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में थी. मानस अवधी में लिखा गाय महाकाव्य है जिसमें भगवान राम के जीवन को दर्शाया गया है.

राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा कि राजनाथ सिंह पर देश की रक्षा की जिम्मेदारी है और वह अपने निर्वाचन क्षेत्र तक की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा, अगर राजनाथ सिंह में जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए और लखनऊ में लोगों की तकलीफों में उनके साथ शामिल होना चाहिए. कृष्णन ने कहा कि, जब भी देश पर कोई संकट आता है तो यह बीजेपी की आदत है कि वह राम को या भगवान को याद करने लगती है. ऐसा करने वे अपनी जिम्मेदारियों से भागती है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना के रिकॉर्ड 34 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं और 195 लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना से अब तक 10541 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन आश्चर्य है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद दावा कर रहे हैं कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, जबकि राजधानी लखनऊ में ही कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने यहां मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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