पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में अब आक्सीजन गायब होने की खबर है, इस बात का खुलासा आज सीएम मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा ली गई रिव्यू बैठक में हुआ है, सरकार के रिकार्ड में 26 अप्रेल को सभी जिलों को 527 टन आक्सीजन की सप्लाई की गई थी, लेकिन जिलों से जो जानकारी आई उसमें 434 टन की आपूर्ति ही बताई गई, कु ल मिलाकर 93 टन आक्सीजन की खपत का रिकार्ड नहीं है, यह कहां गायब हो गई, अब जांच का विषय बन गया है.
सूत्रों की माने तो 93 टन आक्सीजन का रिकार्ड न मिलने पर सीएम श्री चौहान ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि आक्सीजन की खपत पर ध्यान देने के लिए कहा, इसके अलावा उन्होने उन अधिकारियों को कहा कि आक्सीजन की सप्लाई व आपूर्ति के अंतर की रिपोर्ट देने के लिए कहा जो मानीटिरिंग कर रहे है, कहा कि आक्सीजन की मांग व आपूर्ति का सही डेटा जिलों से आना चाहिए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं केंद्र सरकार और राज्य के बाहर प्लांटों में बात कर रहे हैं. यही वजह है कि सात दिन में ऑक्सीजन की सप्लाई करीब 200 टन बढ़ी है. इसमें वायुसेना और रेलवे की मदद सरकार ले रही है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जिस तरह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हो रही है, उसे देखते हुए यही कहा जा रहा है कि आक्सीजन की मांग और बढ़ेगी, जिसे लेकर सरकार द्वारा हर संभव प्रयास भी किए जा रहे है, नए आक्सीजन प्लांट बनाने पर फोकस किया जा रहा है.
होम आईसोलेशन वाले मरीजों की निगरानी में न हो लापरवाही-
सीएम ने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की मानिटरिंग व ऑनलाइन इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होना चाहिए, उन्होने सतना की प्रभारी आईएएस अधिकारी पल्लवी जैन गोविल को निर्देशित किया कि वे जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर रिव्यू करें. सीएम ने कहा कि अब हर दिन केवल 17 जिलों में कोरोना की स्थिति का रिव्यू किया जाएगा ताकि हर जिले पर फोकस किया जा सके, तीन दिन में 52 जिलों का रिव्यू तीन दिन में होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में पुलिस का अपना कोविड केयर सेंटर शुरु, आईजी ने किया शुभारम्भ
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