नई दिल्ली/इंदौर. बंगाल चुनाव में हुई हार से पूरी भारतीय जनता पार्टी सकते में है. इतनी बड़ी हार की कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. इस हार से किसी एक नेता का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है तो वो हैं कैलाश विजयवर्गीय. बंगाल के प्रभारी होने की वजह से ये तय था की जीत के बाद उनको बड़ा इनाम दिया जायेगा, इसलिए विजयवर्गीय के शहर इंदौर में बहुत बड़े जश्न की तैयारी थी. परिणाम आने के बाद उनके नेता और समर्थक सभी सन्नाटे में है.
विजयवर्गीय पिछले कुछ सालों से पश्चिम बंगाल के प्रभारी हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली जीत का सेहरा उन्हीं के सर बांधा गया था. उसके बाद अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव था. लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद पार्टी ये मानकर चल रही थी की पाश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी. यदि ऐसा होता तो कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी की ओर से बड़ा इनाम मिलना तय था. उनके समर्थकों की ओर से यह कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश या केन्द्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय है. इसी वजह से चुनाव परिणाम के दिन कोरोना संकट के बावजूद बड़े जश्न की तैयारी थी. यह जश्न बंगाल जीत से कहीं ज्यादा कैलाश को मिलने वाले इनाम को लेकर थी. अटकलें यहां तक थी कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी भी उन्हें दी जा सकती है.
चुनाव परिणाम आने के बाद सभी के मंसूबों पर पानी फिर गया. वहां न केवल हार हुई, बल्कि करारी हार हुई. भाजपा सौ का आंकड़ा भी नहीं छू पाई. विजयवर्गीय ने इस हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि कांग्रेस और वाम दलों का वोट अपनी ओर नहीं ले पाये. इसी वजह से हार हुई है. अब पार्टी तय करेगी कि उनकी अगली भूमिका क्या होगी. फिलहाल वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने हुए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के इंदौर वृद्धाश्रम में कोरोना विस्फोट, 40 में से 18 वृद्ध कोरोना संक्रमित
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