इंदौर में मेल नर्स मरीज से मंगवाते थे रेमडेसिविर का इंजेक्शन और चुराकर कर देते थे ब्लैक

इंदौर में मेल नर्स मरीज से मंगवाते थे रेमडेसिविर का इंजेक्शन और चुराकर कर देते थे ब्लैक

प्रेषित समय :09:24:27 AM / Fri, Apr 30th, 2021

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में क्राइम ब्रांच ने रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. निजी अस्पताल में मेल नर्स होने का फायदा उठाकर ये लोग इंजेक्शन तो मंगवाते थे, लेकिन पेशेंट को लगाने की जगह उसे चुरा कर बाजार में ब्लैक कर देते थे.

पुलिस के अनुसार आरोपी अब तक 30 से ज्यादा इंजेक्शन बाहर बेच चुके हैं. साथ ही पुलिस ने 4 आरोपियों के पास से 5 इंजेक्शन जब्त किए हैं. इसके अलावा इनके पास से एक कार, 60 हजार 650 रुपए नकद और मोबाइल जब्त किए हैं.

 क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी, बाणगंगा क्षेत्र में लव कुश चौराहे के आसपास सफेद रंग की कार क्रमांक एमपी 33 सी 6765 में चार युवक रेमडेसिविर बेचने की फिराक में हैं. ये चारों मेल नर्स होने के साथ ही होम आइसोलेशन वाले पेशेंट के प्राइवेट केयर टेकर का भी काम करते हैं. इस पर टीम गठित कर बाणगंगा पुलिस के साथ मौके पर रवाना किया गया.

पुलिस ने टीम ने पाया कि लवकुश चौराहा सर्विस रोड पर श्मशान के सामने कार खड़ी है. जांच के दौरान कार में चार लोग बैठे मिले. ड्राइवर सीट पर बैठे युवक ने अपना नाम संदीप ओझा पिता रामजीवन ओझा निवासी ए-1/101, करोल बाग सांवेर रोड बताया. उसने बताया वह मूलत: श्री आनंदपुर ट्रस्ट सुखपुर अस्पताल ईशागढ़, अशोकनगर का रहने वाला है.

वहीं कार सवार तीन अन्य युवकों ने अपना नाम चिरंजीव पिता रूपसिंह निवासी सिल्वर सी-1 करोल बाग बाणगंगा, हरिराम पिता गणेश राम केवट निवासी 501 हरसिंगार बिल्डिंग बाणगंगा और सोनू पिता कन्हैया बैरवा निवासी करोल बाग सी-1/613 बाणगंगा बताया.

तलाशी में इनके पास से 5 इंजेक्शन मिले. इसकी कीमत करीब 50 हजार रुपए है. इनसे इंजेक्शन को लेकर कागजात मांगे, जो वे दिखा नहीं पाए. पूछताछ में इन्होंने मेल नर्स की नौकरी करना स्वीकार किया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि ये इंजेक्शन उन्होंने कोविड मरीजों के परिवारवालों से मंगवाए थे. उन्होंने उक्त इंजेक्शन को कोविड मरीज को नहीं लगाया, बल्कि उसे चुरा लिया. उसे ऊंची कीमत पर अन्य मरीज को बेचने वाले थे. उन्होंने बताया कि अब तक वे इसी प्रकार से 30 से अधिक इंजेक्शन बेच चुके हैं. वे एक इंजेक्शन को 25000 से 40000 रुपए में बेचते हैं. पुलिस आरोपियों से अब तक उन्होंने किन-किन से इस प्रकार की धोखाधड़ी की और किन्हें इंजेक्शन बेचे, इस संबंध में मेडिकल स्टोर और अस्पताल की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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