आजकल बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो डेनिम जींस को पसंद नहीं करते होंगे. वैसे तो जींस अब सबकी पहली पसंद बन चुकी है और कंफर्ट के हिसाब से भी लोगों ने जींस को अपना लिया है. जींस की खास बात ये है कि इसे लड़के हो या लड़कियां सभी पसंद कर रहे हैं, इस वजह से इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा है. अलग अलग रेंज के साथ कई तरह की वैरायटी में जींस उपलब्ध है. लेकिन, क्या आप जानते हैं आपको पसंद आने वाली ये जींस दुनिया के लिए काफी खतरनाक है.
अगर आप एक जींस खरीद रहे हैं तो समझिए आप प्रकृति यानी आपके पर्यावरण का काफी नुकसान कर रहे हैं. जी हां, एक जींस बनाने में जो प्रोसेस है, वो काफी लंबा है और इस प्रोसेस में पर्यावरण के संसाधनों का काफी दोहन हो रहा है. ऐसे में जानते हैं कि किस तरह एक जींस आपके पर्यावरण के लिए कितनी खतरनाक है और यह किस तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है.
एक रिपोर्ट में सामने आया है कि जब भी आप नई जीन्स खरीदते हैं तो समझिए कि अपना नल खुला छोड़कर 21 घंटे तक पानी बहाते रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि डेनिम का कपड़ा बनने में काफी लंबा प्रोसेस है, इसके लिए कॉटन की आवश्यकता होती है और कॉटन के लिए काफी पानी चाहिए होता है.
ऐसे में अगर पूरा हिसाब लगाया जाए तो एक जींस को तैयार होने में दस हजार लीटर पानी खर्च हो जाता है. ऐसे में आपकी पानी के संकट को और भी बढ़ावा दे रही है.
जींस से पर्यावरण भी होता है प्रदूषित!
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, जींस से पानी खराब होने के साथ ही कई और भी नुकसान है. इस रिपोर्ट के अनुसार, जींस इंडस्ट्री पर्यावरण संकट का हिस्सा बन गई है. इसकी इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण से अंदाज लगाया जाए तो लिवाइस का अनुमान है कि उनकी जींस का एक जोड़ा वायुमंडल में करीब साढ़े 33 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है, कार से एक हजार किलोमीटर से ज्यादा के सफर के बराबर है. साथ ही इसकी इंडस्ट्री से पर्यावरण को और भी कई तरह के नुकसान हो रहे हैं.
कब से हुई जींस की शुरुआत
आधुनिक जींस का आविष्कार लिवाई स्टार्स ने किया था, इससे पहले उनका वस्त्र व्यवसाय से कोई लेना देना नही था. वे सैन फ्रांसिस्को में एक ड्राई-गुड्स स्टोर चलाते थे. जींस का अविष्कार उस वक्त हुआ,जब अमेरिका में गोल्ड रश का जमाना चल रहा था. चांदी की खुदाई करने वाले खनिकों को यह समस्या आती थी कि बार- बार चांदी के ढेले जेब मे रखने से उनके पेंट की जेब फट जाती थीं. 1872 में एक दिन जेकब डेविस नामक दर्जी ने ताँबे की कील,यानी रिविट लगाकर जेब को चारों तरफ से कस दिया. समस्या हल हो गई और इसी ताँबे की रिविट से बाद में लिवाइस जैसे मशहूर ब्रांड का जन्म हुआ.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गर्मियों में कंफर्टेबल रहने के लिए इन हेयरस्टाइल्स को करें ट्राय
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