पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रतिष्ठा भी दाव पर थी.
लेकिन, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि प्रशांत किशोर के भाग्य ने उनका साथ दिया है.
याद रहे, चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेता अमित शाह के दावे के अनुसार बीजेपी को 200 से ज्यादा, तो प्रशांत किशोर के चैलेंज के अनुसार 100 से कम सीटें मिलनी थी.
इस चुनाव में टीएमसी को कामयाबी दिलाने के लिए बतौर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर मैदान में थे. चुनाव अभियान के दौरान प्रशांत किशोर ने बीजेपी को बंगाल में बड़ी ताकत तो स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी 100 सीट के पार नहीं जा पाएगी और टीएमसी जीतेगी.
यही नहीं, उन्होंने दावा किया कि बीजेपी 100 के आंकड़े को पार कर गई, तो वे चुनावी रणनीतिकार का पेशा छोड़ देंगे.
प्रशांत किशोर का कहना था कि- मैंने अपने 8-10 साल के अनुभव में किसी महिला नेता को इतना लोकप्रिय नहीं देखा. मेरा मानना है कि ममता बनर्जी बड़े अंतर से जीत रही हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर ने तैयार की थी.
प्रशांत किशोर का आंकलन सच तो निकला, परन्तु एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने ऐलान किया कि अब वे चुनावी रणनीति नहीं बनाएंगे, वह इस पेशे को छोड़ रहे हैं.
हालांकि, बंगाल चुनाव के नतीजों पर उनका कहना था कि- भले ही चुनावी नतीजे अभी एकतरफा दिख रहे हों, लेकिन यह बेहद कड़ा मुकाबला था. हम बहुत अच्छा करने को लेकर आश्वस्त थे. बीजेपी बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार करने की कोशिश कर रही थी कि वे बंगाल जीत रहे हैं.
देखना दिलचस्प होगा कि वे बतौर राजनीतिक रणनीतिकार वाकई अपना काम बंद कर देते हैं या फिर किसी और अंदाज में सामने आते हैं!
अभिमनोजः प्रशांत किशोर के भाग्य ने साथ दिया, लेकिन.... Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नरेंद्र मोदी का इतराना पश्चिम बंगाल में भारी पड़ गया?
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