मुंबई. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण से संबंधित कानून को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह केंद्र से 'हाथ जोड़कर' अनुरोध कर रहे हैं कि जिस तत्परता के साथ उसने अनुच्छेद 370 एवं अन्य विषयों पर कदम उठाया उसी तत्परता के साथ वह इस संबंध में भी दखल दे. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद एक बयान में ठाकरे ने कहा, 'हम हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से मराठा आरक्षण पर तत्काल निर्णय लेने का अनुरोध करते हैं.' उन्होंने कहा कि अतीत में केंद्र सरकार ने अपने फैसलों को मजबूती प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन किया , वैसी ही तत्परता मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए दिखायी जानी चाहिए.
उन्होंने राज्य में लोगों से शांति बनाये की अपील भी की. उन्होंने कहा कि इस समुदाय को आरक्षण का निर्णय महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से लिया गया था और यह गायकवाड़ आयोग की सिफारिश पर आधारित था लेकिन, शीर्ष अदालत ने उसे इस आधार पर निरस्त कर दिया कि राज्य को इस तरह के आरक्षण देने का हक नहीं है. ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 , ‘शाहबानो प्रकरण’ , उत्पीड़न कानून के संदर्भ में जैसी तत्परता दिखायी थी, उसे इस समुदाय को मदद प्रदान करने में वैसी ही तत्परता दिखानी चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी सरकार ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से बसों की आवाजाही पर अब 7 मई तक लगाई रोक
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