नई दिल्ली. सरकार ने 1 जून 2021 से सोने की जूलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. यानी कि 1 जून से सोने के जेवर बेचने वाले दुकानदार 14,18 और 22 कैरेट के आभूषण ही बेच पाएंगे. सरकार के इस फैसले से सोने की शुद्धता की गारंटी बढ़ जाएगी. हॉलमार्किंग न होने से ग्राहक को पता नहीं चल पाता था कि वह जो जेवर खरीद रहा है, कितना शुद्ध है या उसमें कितनी मिलावट है.
नवंबर, 2019 में सरकार ने ऐलान किया था कि 15 जनवरी 2021 से पूरे देश में गोल्ड जूलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब इसे 1 जून 2021 कर दिया गया है. बीच में यह अवधि इसलिए बढ़ाई गई क्योंकि जूलर्स ने इसके बारे में समझने के लिए सरकार से मोहलत मांगी थी. यह दौर कोरोना महामारी का भी था, इसलिए सरकार ने इसमें कुछ ढिलाई बरत दी.
क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग
गोल्ड हॉलमार्किंग एक तरह से शुद्धता की गारंटी है. अभी तक हॉलमार्किंग जेवर मांगने पर ही दुकानदार देते थे. लेकिन अब यह अनिवार्य है क्योंकि अब हॉलमार्क ही जेवर बिकेंगे
सरकार का कहना है कि हॉलमार्किंग से ग्राहकों के हक की रक्षा होगी क्योंकि इससे उन्हें शुद्ध सोने या चांदी के जेवर मिलेंगे जिसके लिए वे पूरा पैसा चुकाते हैं. अब मिलावट जैसी धांधली पर रोक लगेगी
1 जून 2021 से दुकानदार केवल हॉलमार्क जूलरी ही बेच पाएंगे. यानी कि अब उन्हें 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड जूलरी ही अनिवार्य रूप से बेचनी होगी
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट बताती है कि अब तक देश के 34,647 जूलर्स ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) से खुद को रजिस्टर कराया है
बीआईएस लासेंस देने में अब किसी प्रकार की देरी या इसकी मियाद को नहीं बढ़ाया जाएगा. बीआईएस जूलर्स को बिना देरी किए लाइसेंस प्रदान कर रहा है
बीआईएस के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाया गया है. अब जूलर्स ऑनलाइन और ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं
बीआईएस जूलर्स को लाइसेंस देने का काम साल 2000 से कर रहा है. देश के कई जौहरियों ने अब तक हॉलमार्किंग का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है
देश में अभी तकरीबन 40 परसेंट सोने की जूलरी हॉलमार्क है. यानी कि 40 परसेंट जूलरी को शुद्धता की कसौटी पर खरा मान सकते हैं
बीआईएस के मुताबिक, हॉलमार्किंग से लोगों को सुविधा होगी और उन्हें अपने पैसे से सही आभूषण मिलेंगे. हॉलमार्किंग के चलते जूलर्स उन्हें ठग नहीं पाएंगे. अब उन्हें स्पष्ट बताना होगा कि कितने कैरेट का जेवर बेच रहे हैं
भारत हर साल 700-800 टन सोने का आयात करता है जिसमें अधिकांश जेवर में इस्तेमाल होता है. भारत में जेवर के रूप में भी लोग पैसा निवेश करते हैं, इसलिए सोने की भारी मांग है
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सोने-चांदी के भाव में फिर आई जोरदार तेजी, चेक करें कितना हुआ महंगा
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