पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के सौदागर सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की मुश्किलें कम होने का नाम ले रही है, पुलिस ने इस मामले में सरबजीतसिंह मोखा की पत्नी जसमीत, बेटे व मैनेजर सोनिया को नोटिस देकर तलब किया है, वहीं मोखा के फरार बेटे हरकरण की तलाश में जगह जगह दबिश दी जा रही है. खबर यह भी है कि जिस दिन मोखा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसी दिन मोखा की पत्नी व बेटे ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नाले में फेंक दिए थे, जिन्हे पुलिस ने बरामद कर लिया है. वहीं यह खबर भी पुलिस द्वारा मोखा की पत्नी व दूसरे बेटे से पूछताछ की जा रही है.
खबर है कि पुलिस रिमांड में मोखा के मैनेजर देवेश चौरसिया व इंदौर में गिरफ्तार प्रखर कोहली ने मोखा के बेटे हरकरण का नाम लिया था, इसके बाद से ही पुलिस की टीम ने हरकरण की तलाश शुरु कर दी, इसके अलावा सोनिया खत्री ने भी पुलिस को पूछताछ में कई अहम खुलासे किए, क्योंकि मोखा की के हर राज के बारे में सोनिया को जानकारी रही, यहां तक कि सोनिया को मोखा ने एक फ्लैट तक दे दिया था, सोनिया से पूछताछ के बाद पुलिस ने मोखा की पत्नी जसमीत व उसके दूसरे बेटे को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन खबर यह है कि जसमीत व दूसरे बेटे से पूछताछ की गई है, जिसमें यह बात सामने आई है कि मोखा की गिरफ्तारी के बाद पत्नी जसमीत व बेटे ने मिलकर सारे नकली इंजेक्शन नाले में फेंक दिए थे, जिन्हे पुलिस ने बरामद कर लिए है. हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में कुछ भी नहीं कह रहे है.
गुजरात में सपन की गिरफ्तारी के बाद सारे इंजेक्शन मोखा के घर भेज दिए-
वहीं दूसरी ओर सोनिया ने पुलिस को पूछताछ में यह जानकारी दी कि सात मई को सपन जैन की गिरफ्तारी के बाद सोनिया ने सारे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन देवेश के जरिए सरबजीतसिंह मोखा के घर पहुंचा दिए थे, इसके बाद जैसे ही सरबजीतसिंह मोखा को गिरफ्तार किया गया तो पत्नी ने सारे इंजेक्शन बेटे की मदद से लोहिया पुल के नाले में फेंक दिए, जिन्हे आज पुलिस ने बरामद कर लिया.
पहली खेप में मोखा को मिले थे 465 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन-
खबर है कि मोखा ने पहली खेप में 5सौ रेमडेसिविर इंजेक्शन ही बुलवाए थे, जिसमें सपन ने 35 इंजेक्शन रख लिए, बाकी 465 इंजेक्शन मोखा को दे दिए थे, इसमें कुछ के वायल तो पुलिस के हत्थे चढ़ गए है, जबकि मोखा के बेटे हरकरण सिंह ने मार्च से मई के बीच कई बार इंदौर व सूरत में आरोपियों से बातचीत भी की है.
अभी तक भरती हुए 460 मरीज-
पुलिस अधिकारियों की माने तो 20 अप्रेल से अभी तक सिटी अस्पताल में 460 कोरोना संक्रमितों का इलाज किया गया है, जिसमें अधिकतर लोग स्वस्थ हुए है, इन सभी के बयान पुलिस द्वारा दर्ज किए जा रहे है.
ऐसे भी प्रमाण मिले है-
खबर है कि सिटी अस्पताल से पुलिस द्वारा बरामद किए गए दस्तावेजों से यह पता चलता है कि प्रबंधन ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है, कई मरीजों के उपचार संबंधी कागजात में बड़ी ही सावधानी से इंजेक्शन के उपयोग को मिटाने की कोशिश की गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जिन कोरोना मरीजों को गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगे, उनमें से 90 फीसदी स्वस्थ
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