पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को पुलिस रिमांड पर 20 मई तक भेज दिया गया है. पुलिस अब मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री से पूछताछ करेगी, जिनपर नकली इंजेक्शन नष्ट करने का आरोप है. वहीं एसआईटी की टीम मोखा के बेटे हरकरण को पकडऩे के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है, ऐसा माना जा रहा है कि हरकरण शहर में ही किसी ठिकाने पर छिपा बैठा है.
बताया गया है कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा ने सपन जैन के गिरफ्तार होने के बाद से ही नकली इंजेक्शन से जुड़े सारे दस्तावेज नष्ट कर दिए थे, यहां तक कि जैसे ही मोखा गिरफ्तार हुआ तो उसकी मैनेजर सोनिया खत्री ने देवेश के हाथ से सारे नकली इंजेक्शन मोखा के घर पहुंचाए, इसके बाद स्वयं सोनिया व मोखा की पत्नी जसमीत मोखा ने नकली इंजेक्शन पचपेड़ी स्थित लोहिया पुल स्थित नाला में फेंक दिए, हालांकि खबर है कि पुलिस ने इंजेक्शन बरामद कर लिए है, लेकिन अभी इस मामले में अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है. वहीं पुलिस ने मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री को न्यायालय में पेश कर 20 मई तक का रिमांड प्राप्त कर लिया है. इस अवधि में पुलिस द्वारा दोनों से अलग अलग पूछताछ की जाएगी, ताकि मामले से पर्दा उठ सके. वहीं पुलिस को मोखा के बेटे हरकरण की तलाश है, जिससे पकडऩे के लिए शहर में लगातार दबिश दी जा रही है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि मोखा के पास एक लाइसेंसी बंदूक है, वहीं उसके बेटे के पास भी एक विदेशी पिस्टल है, जिसे वह हमेशा अपने पास ही रखता है. पुलिस ने इस संबंध में भी जानकारी एकत्र करना शुरु कर दिया है. पुलिस को अभी तक यह जानकारी लगी है कि मोखा के सिटी अस्पताल में अभी तक 460 मरीजों को भरती किया गया है, जिन्हे रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए है, इन सभी से पुलिस की टीमें घर तक पहुंचकर पूछताछ कर रही है.
मोखा का हास्पिटल राजसात किया जाए: विधायक
इस मामले को लेकर भाजपा विधायक जालमसिंह पटैल ने आरोप लगाए है कि वे भी कोरोना संक्रमण के चलते जबलपुर के सिटी अस्पताल में भरती हुए थे, जिन्होन 12 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए है. उन्होने कहा कि जब वे भरती हुए थे उस उन्हे लंग्स में 6 प्रतिशत इंफेक्शन बताया गया था, इसके बाद 17 से 22 अप्रेल के बीच 6 इंजेक्शन लगाए गए, इसके बाद भी खांसी व बुखार रहा, आक्सीजन लेबल घटता ही रहा, जिसके चलते 25 अप्रेल को फिर सिटी अस्पताल में भरती हुए तो इंफेक्शन 14 से 16 प्रतिशत बढ़ा बताया, फिर 6 इंजेक्शन लगाए गए, इस तरह उन्हे 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए है, जिसमें 6 नकली रहे, तभी उन्हे दोबारा भरती होना पड़ा. विधायक जालमसिंह पटैल ने सीएम शिवराजसिंह चौहान को लिखे गए पत्र में सिटी अस्पताल को राजसात करके उसका उपयोग सरकारी चिकित्सा व्यवस्थाओं के लिए करने के लिए कहा है, उन्होने कहा कि जबलपुर में आसपास के 15 जिलों के लोग इलाज कराने के लिए आते है, इन जिलों में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई की गई है, मौत के इस गोरखधंधे में जबलपुर के कुछ राजनैतिक दलों के नेता व सरकारी अधिकारी भी शामिल है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नकली रेमडेसिविर मामला: मोखा की पत्नी जसमीत और मैनेजर सोनिया को पुलिस ने देर रात किया गिरफ्तार
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