पंचांग के अनुसार शनि 23 मई 2021 रविवार को दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में वक्री हो रहे हैं. 11 अक्टूबर 2021 सोमवार को प्रात: 7 बजकर 44 मिनट पर शनि मकर राशि में मार्गी होंगे, इस तरह वर्ष 2021 मे शनिदेव 138 दिन के लिए वक्री होंगे.
*शनि का वक्रत्व और विश्व मे प्रभाव*- जब कोई भी ग्रह सूर्य से तीसरे ग्यारहवें या नव पंचम होता है, तब वह ग्रह वक्री हो जाता है,वर्तमान मे शनिदेव सूर्य से नवम भाव मे चल रहे है, और अक्टूबर मे जब सूर्य से तीसरे होंगे तब मार्गी हो जायेंगे, एक तरह से जब कोई ग्रह से सूर्य की परिक्रमा पथ के गोलार्ध मे सूर्य के सामने या आस पास होता है तब पृथ्वी से हमें ऐसा लगता है की वो पीछे जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं होता है, इसे हम ऐसा समझ सकते है की जब कोई धावक किसी गोलाकार पथ मे दौड़ता है तो गोले के दोनो ध्रुवों के आसपास जब पहुँचता है तो हमें ऐसा लगता है की उस धावक की गति थोड़ी कम हो गई है, इसे ही वक्री होना कहते है.
*शनि के वक्री होने का प्रभाव*- शनिदेव के वक्री होने से विश्व स्तर मे तनाव मे कमी आयेगी, कोरोना महामारी नियंत्रण मे होगी, लोगो के चलेंगे,सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे,तेल की कीमतों मे कमी आयगी,विश्व मे युद्ध के माहौल मे कमी आयगी.
एक तरह से हम ये उम्मीद कर सकते है की शनि का वक्री होना विश्व और भारत के लिए राहत प्रदान करने वाला होगा.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु
9893280184,7000460931
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