पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा की मुश्किले और बढ़ती ही जा रही है, एसआईटी ने एक ओर जहां मोखा के बेटे हरकरण सिंह, रीवा निवासी सुनील मिश्रा व राकेश शर्मा को आरोपी बनाया है, वहीं मोखा की चल अचल संपत्तियों की जांच में भी एसआईटी जुट गई है, इसके अलावा अस्पताल से डाटा रिकवर करने के लिए सायबर एक्सपर्ट की टीम भी जबलपुर आ रही है.
सूत्रों के अनुसार एसआईटी द्वारा अस्पताल के एक मैनेजर देवेश चौरसिया को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, इसके बाद ही मोखा के बेटे हरकरण सहित रीवा के सुनील मिश्रा व इंदौर के राकेश शर्मा को आरोपी बनाया गया है, देवेश जब क्षितिज राय की विजय नगर स्थित साईं सेल्स में 30 रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए गया, जहां पर देवेश ने और इंजेक्शन के संबंध में चर्चा की, जिसपर क्षितिज ने रीवा निवासी सुनील मिश्रा व इंदौर निवासी राकेश शर्मा के मोबाइल नम्बर दिए, दोनों के नम्बर लेकर देवेश ने सरबजीतसिंह मोखा को दिए, फिर ये नम्बर मोखा ने सपन जैन को दिए, सपन ने दोनों से 5 सौ इंजेक्शन लेकर मोखा को पहुंचाए, यहां तक कि मोखा द्वारा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सुनील मिश्रा व राकेश शर्मा को 15 लाख रुपए दिए जाने का भी खुलासा हुआ है. इसके अलावा सिटी अस्पताल में कोरोना संबंधी डाटा में भी मोखा के गिरफ्तार होने के बाद जमकर छेड़छाड़ की गई है, कम्प्यूटर के सारे डाटा रिकवर करने के लिए भोपाल से सायबर एक्सपर्ट की टीम को बुलाया गया है, जिसमें एएसपी स्तर के अधिकारी होगे, वे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त कर ले जाएगें, ऐसा कहा जाता है कि हार्ड डिस्क से लम्बे समय तक का डाटा रिकवर किया जा सकता है, यह जांच में अह्म कड़ी साबित होगा.
बैंक खाते हो सकते है सीज-
खबर है कि एसआईटी द्वारा लगातार शिकंजा कसा ही जा रहा है जल्द ही एसआईटी द्वारा मोखा व उनके परिजनों के बैंक खाते, अस्पताल के एकाउंट सीज भी किए जा सकते है, इसके अलावा मोखा की चल अचल संपत्तियों की जांच में भी एसआईटी द्वारा की जा रही है, आने वाले दिनों में मोखा की मुश्किले और बढ़ जाएगी.
दो इंजेक्शन हरकरण को दिए थे-
पुलिस को पूछताछ में यह जानकारी लगी है कि देवेश चौरसिया के पास फार्मा की कोई डिग्री नहीं मिली, उससे दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन हरकरण ने लिए थे, लेकिन जैसे ही सपन की गिरफ्तारी हुई तो हरकरण ने डर के कारण वापस कर दिए, जिन्हे देवेश ने मेडिकल स्टोर्स में छिपा कर रख दिए थे.
अभी और लोगों से भी होगी पूछताछ-
एसआईटी ने पीडि़तों के अलावा क्षितिज राय के बयाल कलमबंद किए है, अब सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया के पति सिद्धार्थ, मोखा के बंगले में काम करने वाले नौकर पप्पू, दीपू, स्टोर में कार्यरत शफीक के भी बयान दर्ज किए जाएगें.
अभी मोखा के मोबाइल फोन की तलाश-
पुलिस को सरबजीतसिंह मोखा के मोबाइल फोन की तलाश है, जो अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है, जबकि पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री के मोबाइल फोन तो बरामद कर लिए गए है, दूसरी ओर पुलिस की एक टीम मोखा के बेटे हरकरण की तलाश में भी जुटी है, जल्द ही एक टीम दिल्ली भी रवाना होगी.
सिटी अस्पताल व प्लाट से मिली नकली रेमडेसिविर की शीशियां-
पुलिस को पूछताछ में मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री से कई अह्म सुराग हाथ लगे है, जिसमें एक और नाम सामने आया है राकेश शर्मा का. इसके अलावा एसआईटी ने मोखा के प्लाट से नकली रेमडेसिविर की खाली शीशीयां व सिटी अस्पताल स्थित दवा दुकान से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की भरी शीशियां बरामद की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मोखा की पत्नी-मैनेजर को 20 मई तक पुलिस ने रिमांड पर लिया..! देखे वीडियो
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