नई दिल्ली. कोरोना टीकाकरण के प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो के जवाब में तमाम विपक्षी राज्यों में मुख्यमंत्रियों की तस्वीरें सर्टिफिकेट पर छापे जाने लगी हैं. छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड समेत कई गैर-भाजपा शासित राज्य में वैक्सीनेशन के अलग से प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. इन सर्टिफिकेट पर इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का चेहरा नजर आ रहा है. भाजपा इसका विरोध कर रही है और राज्य सरकारों की प्रचार की भूख करार दे रही है. वैक्सीनेशन के बाद प्रमाण पत्र दे रहे राज्यों का जवाब है जब प्रधानमंत्री टीकाकरण के बहाने अपना प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में राज्य करते हैं तो इसमें गलत क्या है. कई अन्य राज्यों ने भी अपने टीकाकरण मोबाइल एप तैयार करने पर विचार शुरू कर दिया है.
गैर-भाजपा शासित राज्य वैक्सीन के लिए मोदी सरकार की प्रचार रणनीति से असहज हैं. वैक्सीन प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. बंगाल चुनाव के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे. हालांकि कुछ राज्य इस मामले में सीधे बोलने से दूरी बना रहे हैं. मगर छत्तीसगढ़ और पंजाब ने अपना नया राज्य स्तरीय पोर्टल लांच किया है, जिसमें राज्य के लोग अपना पंजीकरण करा रहे हैं.
गैर-भाजपा शासित राज्यों का मत है कि जब 18 से 44 वर्ष की आयुवर्ग के टीकाकरण में धनराशि राज्य खर्च कर रहे हैं तो वे उन्हें पंजीकरण कराने के लिए अलग एप या पोर्टल बनाने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. राज्यों की मांग पर केंद्र ने चुप्पी साध रखी है. केंद्र के अधिकारी मानते हैं कि कोविन पोर्टल को बहुत अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है और इसमे सुरक्षा को लेकर भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं. केंद्रीय अधिकारी राज्य स्तर पर एप या पोर्टल को गैर-जरूरी मानते हुए कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की फोटो पर बवाल
छत्तीसगढ़ सरकार ने देशभर में वैक्सीन के लिए जारी कोविन पोर्टल की जगह 18 से 44 साल की उम्र वालों के टीकाकरण के लिए अपनी वेबसाइट कोविन लॉन्च की है. इस पर युवा रजिस्ट्रेशन करवा कर वैक्सीन लगवा सकते हैं. इस पर रजिस्ट्रेशन के बाद जब युवा वैक्सीन लगवा रहे हैं, तो उन्हें भूपेश बघेल की फोटो वाला सर्टिफिकेट दिया जा रहा है. जबकि अभी तक टीकाकरण के बाद जो सर्टिफिकेट दिया जाता है, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो होती है.
इस मामले में भाजपा का कहना है कि आपदा में भी कांग्रेस प्रचार का मौका नहीं छोड़ रही है और मुख्यमंत्री के फोटो वाले सर्टिफिकेट दे रही है. जबकि इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि 45 वर्ष से ऊपर का पंजीकरण कोविन के जरिए कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब इससे कम उम्र के वैक्सिनेशन पर अधिकांश खर्च राज्य वहन कर रहा है तो उस पर केंद्र का एप नहीं थोपा जा सकता. केंद्र सरकार से जो वैक्सीन मिली हैं, उनके सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री का ही फोटो है. लेकिन जो वैक्सीन छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीदी हैं उसमें यदि मुख्यमंत्री का फोटो है तो इसमें गलत क्या है?
माल महाराज का और मिर्जा खेलें होली - झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री
इस मामले में झारखंड राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, बिहार और बंगाल के चुनाव में केंद्र सरकार ने कहा था कि सभी लोगों को फ्री में कोरोना की वैक्सीन लगेगी. लेकिन इसके बाद केंद्र ने वैक्सीन नहीं दी. जब हमारी सरकार एक करोड़ वैक्सीन खरीदने के लिए तैयार हो गई और ऑर्डर देने की बारी आई तो कंपनी ने कहा अभी वैक्सीन तैयार नहीं है. 10 मई के बाद बात करें.
स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा, आज प्रधानमंत्री ने छह करोड़ वैक्सीन विदेश में बांट दी. अब जब भारत के लोगों को इसकी जरूरत पड़ रही है हम बाहर से खरीदने के लिए तैयार हैं. आज हमारी सरकार वैक्सीन लेने को तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार देने को ही तैयार नहीं है. उन्होंने आगे कहा, जब राज्य सरकार अपना पैसा लगाकर वैक्सीन खरीदेगी तो उसमें फोटो प्रधानमंत्री का क्यों लगाएं. माल महाराज का और मिर्जा खेले होली, ये सब नहीं चलेगा. ये पूरी तरह से अन्याय होगा. आज प्रधानमंत्री आपदा को बखूबी अवसर में बदल रहे हैं. फिर अवसर को उत्सव में बदल रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान यास को लेकर सीनियर अधिकारियों के साथ की बैठक
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