कोच्चि. लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ जनविरोधी फैसलों का आरोप लगाते हुए अब उनकी शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी लोगों में से एक पटेल पर कोरोना के कुप्रबंधन और स्थानीय लोगों की परंपराओं पर गलत टिप्पणी करने का आरोप है। सीपीएम से लेकर बीजेपी तक के नेताओं ने केंद्र एवं राष्ट्रपति से मांग की है कि वह प्रफुल्ल पटेल को प्रशासक के पद से हटा दें। प्रशासक को हटाने की इन मांगों का असर मंगलवार को ट्विटर पर देखने को मिला, जब यहां #SaveLakshdweep का हैशटैग ट्रेंड करता रहा।
दरअसल, लक्षद्वीप के प्रशासन ने हाल ही में एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है जिसमें गाय और बैल की हत्या को प्रतिबंधित करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा प्रशासन ने एक ऐसा फैसला भी लिया है, जिसमें शराब की बिक्री को बढ़ाने की नीति बनाई गई है। इन मुद्दों को लेकर तमाम राजनीतिक लोगों से लेकर स्थानीय निवासी भी प्रशासन का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वालों में सांसद मोहम्मद फैजल भी शामिल हैं, जिनका कहना है कि प्रशासक लोगों के खाने-पीने की परंपराओं को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा उनके मनमाने फैसलों से लक्षद्वीप की परंपराओं को भी नुकसान हो रहा है।
अमित शाह और राष्ट्रपति से शिकायत
प्रशासक के खिलाफ विरोध का आलोम ये है कि केरल के नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिकायत करके कहा है कि वह जल्द से जल्द प्रफुल्ल पटेल को वापस बुला लें। इसके अलावा राज्यसभा सांसद ई. करीम ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रफुल्ल को पदमुक्त करने की मांग की है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-टूलकिट मामला: दिल्ली पुलिस ने दो कांग्रेस नेताओं को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने कहा
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