पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के सौदागर सरबजीतसिंह मोखा के बेटे हरकरण को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि वह दिल्ली की अलग अलग होटलों में रु ककर फरारी काटता रहा, जैसे ही जबलपुर आया तो पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिसे आज न्यायालय में पेश कर एसआईटी ने तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है, अब एसआईटी द्वारा सरबजीतसिंह मोखा को रिमांड पर लेगी, इसके बाद दोनों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी.
एसआईटी के अधिकारियों के अनुसार हरकरण मोखा फरार होने के बाद 16 मई को दिल्ली पहुंच गया, यहां पर अलग अलग होटलों में रुककर फरारी काटता रहा, यहां पर वह अपनी महिला मित्रों से घिरा रहा. इस दौरान वह जबलपुर में अपने खास लोगों के संपर्क में भी रहा और हर गतिविधि के बारे में जानकारी हासिल करता रहा, जैसे ही वह जबलपुर आया और जिला न्यायालय में सरेंडर करने की दौड़ा तभी पुलिस की टीम ने उसे परिसर के बाहर से ही पकड़ लिया. पुलिस को अभी तक की गई पूछताछ में जानकारी दी है कि उसने देवेश चौरसिया से दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लिए, इसके बाद देवेश को ही दोनों इंजेक्शन वापस कर दिए थे. आज हरकरण को न्यायालय में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है, इसके बाद सरबजीतसिंह मोखा को रिमांड पर लेगें, इसके बाद दोनों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि हरकरण से और भी कई बिन्दुओं पर पूछताछ की जाएगी. हरकरण को न्यायालय में पेश किए जाने से पहले जिला अस्पताल विक्टोरिया ले गए, जहां पर उसका मेडिकल चेकअप कराया गया है.
सरबजीतसिंह मोखा, सोनिया व देवेश ही देखते रहे अस्पताल का काम-
एसआईटी को पूछताछ में हरकरण मोखा ने बताया कि सिटी अस्पताल का सारा कामकाज पिता सरबजीतसिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री व देवेश चौरसिया ही देखते थे, सारे निर्णय सोनिया व पिता सरबजीतसिंह मोखा ही लेते थे, वह पेट्रोल पम्प का संचालन करता रहा, हरकरण कहां तक सच कह रहा है यह तो आगे की जाने वाली पूछताछ में ही साफ हो पाएगा.
हरकरण के दोस्तों से भी होगी पूछताछ-
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर में फरारी के दौरान हरकरण की किन किन लोगों ने मदद की है, उनके संबंध में भी हरकरण से पूछताछ की जाएगी, कहां कहां, किस, किस के घर में रुका था, यह जानकारी भी एकत्र की जाएगी, इसके अलावा दिल्ली की किन किन होटलों में रुका, किन किन महिला मित्रों से मुलाकात की है, यह भी पूछताछ के बिन्दु है.
हरकरण बोला अस्पताल नहीं आने देते थे पिता-
पुलिस को पूछताछ में हरकरण ने अभी तो यही कहा है कि जब से कोरोना संकटकाल चल रहा है पिता सरबजीतसिंह मोखा ने सिटी अस्पताल नहीं आने दिया है, पिता सरबजीतसिंह मोखा, मैनेजर सोनिया व देवेश चौरसिया के पास ही सारा हिसाब किताब रहता था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक और सौदागर राकेश शर्मा गिरफ्तार
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