मोदीजी! क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है?

मोदीजी! क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है?

प्रेषित समय :21:21:43 PM / Thu, May 27th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. एक ही कोरोना वैक्सीन के केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी चिकित्सालयों के लिए अलग-अलग रेट से न केवल उपभोक्ता कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, बल्कि इससे यह भी लगता है कि यह बहुत बड़ी लूट है और इस लूट के कई हिस्सेदार हैं, कई दलाल हो सकते हैं?

केंद्र सरकार ने इन सात वर्षों में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित विभिन्न टैक्स वसूल कर जमकर जनता की जेब काटी है, लिहाजा यह वैक्सीन केंद्र सरकार को ही देशवासियों को मुफ्त देनी चाहिए थी, लेकिन सियासी फायदे के लिए और राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने युवाओं को वैक्सीन देने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है.

अब, अव्वल तो राज्यों को वैक्सीन मिल नहीं रही है और कीमत ज्यादा होने से उतने ही पैसे में राज्य केवल आधी वैक्सीन ही खरीद पाएंगे, इसीलिए बड़ा सवाल यह है कि वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर पीएम मोदी मौन क्यों हैं?

खबर है कि वैक्सीन खरीद के मामले में राज्यों को भगवान भरोसे छोड़ने के बाद कई राज्यों ने ग्लोबल टेंडर जारी कर, अपने प्रदेश की जनता के लिए वैक्सीन हासिल करने की बात भी कही, लेकिन बहुत सी दवा निर्माता कंपनियों ने या तो राज्यों द्वारा निकाले गए ग्लोबल टेंडर का कोई जवाब नहीं दिया, या फिर साफ तौर पर ये कहा कि वैक्सीन बेचने के लिए केंद्र सरकार से ही समझौता किया जा सकता है, राज्य सरकारों से नहीं.

जाहिर है, इसके बाद राज्यों के लिए केंद्र सरकार के मार्फत ही वैक्सीन मिल सकती है.

अभी भारतीय कंपनी की क्षमता लोगों की जरूरत के हिसाब से वैक्सीन देने की नहीं है, बावजूद इसके, केंद्र सरकार चाहती ही नहीं है कि विदेशी वैक्सीन लोगों को उपलब्ध हो, बल्कि उसने तो दूसरी वैक्सीन लगाने की समय सीमा भी बढ़ा दी है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को भारत की पहली वैक्सीन लग जाए और दूसरी वैक्सीन भी मजबूरन जनता को इसी कंपनी की लगानी पड़े.  

वैक्सीन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी यदि पाक-साफ हैं तो....
एक- केंद्र हो या राज्य, सभी को वैक्सीन एक ही दाम पर मिलनी चाहिए.

दो- यह नियम बने कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह का चंदा प्राप्त नहीं करेगा, न ही किसी को दलाली का भुगतान किया जाएगा.

तीन- किसी भी वैक्सीन कंपनी से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से चंदा लेने को अपराध घोषित किया जाए.

चार- वैक्सीन कंपनी से पीएम केयर के लिए भी डोनेशन नहीं लिया जाए, क्योंकि इसके उपयोग में भी कोई पारदर्शिता नहीं है.

क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है? यह सवाल किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन में या विरोध में नहीं है, यह केवल जनता के हक के सवाल हैं, इसलिए अंधभक्ति में किसी तरह के तर्क-वितर्क नहीं करें.

याद रखें, हम और हमारा परिवार भी इसी देश में रहता है और कोरोना राजनीतिक आधार पर शिकार नहीं बनाता है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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