पमरे लगातार तीन माह से मालगाडिय़ों को उच्चतम गति से चलाने में पूरे भारत में रहा अव्वल

पमरे लगातार तीन माह से मालगाडिय़ों को उच्चतम गति से चलाने में पूरे भारत में रहा अव्वल

प्रेषित समय :18:30:20 PM / Sat, May 29th, 2021

जबलपुर. वर्तमान कोरोना काल में पश्चिम मध्य रेलवे ने पिछले लगातार तीन माह से मालगाडिय़ों को उनकी उच्चतम गति से चलाकर भारतीय रेलवे में अव्वल स्थान बरकरार रखा है. यह जानकारी आज शुक्रवार 29 मई को पमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित पत्रकार वार्ता में दी.

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 28 अप्रैल 2021 को बोकारो से जबलपुर, सागर और भोपाल के लिए चलाई गई. पूर्वी एवं पश्चिमी तटों पर ताऊतै और यास चक्रवात के चलते भी कोविड संक्रमण के मरीजों के लिए उनकी जीवन रक्षक ऑक्सीजन एक्सप्रेस के पहिये चलते रहे. पश्चिम मध्य रेल से गुजर कर  51 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 175 टैंकरों में 2500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का परिवहन किया गया.

इसमें मध्य प्रदेश के लिए 19 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से अब तक 58 टैंकरों में 656 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई. इन ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए पश्चिम मध्य रेल द्वारा कटनी-बीना , कटनी-जबलपुर एवं बीना-भोपाल सेक्शनों को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इसमें ऑक्सीजन एक्सप्रेस की औसत गति 53 से 55 किमी प्रति घण्टे रही. इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में विशेष प्रकार के कार्योजेनिक कंटेनर का उपयोग कर और सुरक्षा के पूर्ण मापदंडों के अनुसार परिवहन किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम मध्य रेल ने वर्ष 2020-21 में 43.72 मीट्रिक टन उच्चतम माल ढुलाई की है. साथ ही साथ 2021 अप्रैल माह में  गुड्स ट्रेन की औसत गति 57.28 किमी प्रति घण्टे की बढ़ोत्तरी की है जो कि भारतीय रेल में उच्चतम गति के लिए पहला रेलवे जोन बन गया.
     
माल गाडिय़ों की उच्चतम गति बनाये रखने के लिए उठाये यह कदम

- पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों पर शत-प्रतिशत विघुतिकरण  हो गया है, जिससे मालगाडिय़ों का इलेक्ट्रिक इंजनों से चलाया जा रहा है. जिस कारण गति में अभूतपूर्व वृद्वि हुई है.
-पश्चिम मध्य रेल पर कई महत्वपूर्ण सेक्शनों में पिछले वर्ष 83 किलोमीटर दोहरीकरण/तिहरीकरण और 13 किलोमीटर न्यू लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जिससे सेक्शनों की क्षमता बढ़ी है और मालगाडिय़ों गति में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई.
- 09 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिंग्नलिंग और 11 परमानेंट स्पीड रिस्ट्रक्शन (कॉशन ऑडर) को भी हटा दिया गया है.
- 12000 हॉर्स पॉवर वाले उच्च क्षमता के लोको इलेक्ट्रिकल इंजनों ङ्ख्रत्र-12क्च का उपयोग में लाने से माल गाडिय़ों की औसत गति में वृद्धि हुई है.
-  शत-प्रतिशत पहली लूप लाइनों के ट्रैक को परिवर्तित कर उसकी गति 30 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है.
- पश्चिम मध्य रेल पर पिछले पाँच सालों में 120 गति प्रतिबंध को हटाया गया है. जिससे माल गाडिय़ों के अवरोध उत्पन्न करने वाले गति अवरोध को उच्च तकनीक एवं अधोसंरचना कार्य करके हटा दिया गया है.
- चालक दल के चेंजिंग पॉइंट पर बदलने के कार्य को साइन ऑन एवं साइन ऑफ की प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत किया गया है. जिससे चालक दल के समय में काफी बचत हुई.
- माल गाडिय़ों की समय सारणी का लगातार विश्लेषण किया गया, जिसमें ट्रैक की क्षमता में वृद्धि हुई है और ट्रैक पर पहले की तुलना में अधिक माल गाडिय़ों का परिचालन सम्भव हुआ.
- लॉन्ग हॉल एवं क्रेक गुड्स ट्रेन चलाने से भी औसत गति में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है. क्रेक गुड्स ट्रेन सागर से शहडोल, सतना से इटारसी एवं सागर से कोटा रूटों पर चलाई जा रही है. इसमें क्रू मेंबर्स एन्ड टू एन्ड चेन्ज होता है.
 प्रेस वार्ता का संचालन कर रहे जनसंपर्क अधिकारी आई. ए. सिद्दीकी ने उपस्थित  सभी मीडिया का आभार व्यक्त किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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