जबलपुर में फिर निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित का शव को बंधक बनाया, देखे वीडियो

जबलपुर में फिर निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित का शव को बंधक बनाया, देखे वीडियो

प्रेषित समय :19:42:34 PM / Tue, Jun 1st, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना संक्रमण के नाम पर अभी भी लूट-खसोट की जा रही है, ऐसा ही एक मामला राइट टाउन स्थित मुकर्जी अस्पताल में फिर सामने आया है, जहां पर कोरोना संक्रमित की मौत के बाद बिल न देने पर शव को बंधक बना लिया गया है, परिजनों का आरोप है कि पहले ही लाखों रुपए ले लिए गए है, इसके बाद और रुपयों की मांग की जा रही है, वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रोटोकॉल के तहत शव नहीं दिया जा रहा है, जहां तक बिल की बात है तो कहा गया है कि आधा बिल जमा कर दें.

परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण शोभा यादव को परिजनों ने उपचार के लिए राइट टाउन स्थित निजी अस्पताल में भरती कराया, जहां पर भरती करते वक्त डाक्टरों के कहने पर परिजनों ने दो लाख रुपए के करीब जमा करा लिए, इसके बाद यही कहते रहे कि पीडि़त जल्द स्वस्थ हो जाएगा, इसके बाद बाहर से दवाएं, इंजेक्शन बुलवाते रहे, इसका रुपया परिजनों ने स्वयं दिया. बीती रात तक पीडि़त स्वस्थ रहा इसके बाद अचानक उनके निधन की सूचना दे दी गई. जिससे परिजन स्तब्ध रह गए, उनका रो-रो कर बुरा हाल रहा, जब शव देने की बात आई तो परिजनों से फिर दो लाख रुपए बिल और देने के लिए कहा गया, परिजनों ने बिल नहीं दिया तो शव को बंधक बना लिया गया. परिजनों का आरोप है कि बिल न देने पर शव को बंधक बनाए है, वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पीडि़त के परिजनों ने 70 हजार रुपए जमा किए थे.

इसके बाद कोई रुपया नहीं दिया, दो लाख रुपए का बिल है जिसका आधा ही मांगा गया है, वह भी देने के लिए तैयार नहीं है, जहां पर शव को बंधक बनाए जाने की बात है तो कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव नहीं दिया जा सकता है, शव नगर निगम या फिर मोक्ष संस्था को दिया जाएगा, बंधन नहीं बनाया गया है. गौरतलब है कि राइट टाउन स्थित मुकर्जी अस्पताल में इसके पहले भी शव को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आ चुक ा है. शोभासिंह यादव के परिजनों का आरोप है कि मरीज की हालत बिगड़ती ही जा रही थी, इसके बाद भी रुपयों की लालच में कहा जा रहा था कि मरीज स्वस्थ हो जाएगा. सबसे खासबात तो यह है कि राज्य सरकार ने निजी अस्पताल के रेट भी तय कर दिए है, इसके बाद भी निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के परिजनों ने लाखों रुपए का बिल वसूला जा रहा है, यह छूट इन्हे किसने दी है, यह बात आज भी आम आदमी की समझ से परे है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

जबलपुर में महिला को बंधक बनाकर गैंगरेप..!

एमपी के जबलपुर में आंशिक छूट के आदेश को लेकर हुए भ्रम से बवाल: कपड़ा, गल्ला दुकानें खुलते ही बंद कराने पहुंची पुलिस

जबलपुर में 8 जून तक रहेगा रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू, कुछ गतिविधियों पर रहेगा प्रतिबंध, कई को मिली छूट

जबलपुर में कार के कुचलने से मोटर साइकल सवार की मौत..!

एमपी के स्वास्थ्य मंत्री ने जबलपुर में भरती मरीजों से की वीडियो कॉल पर बात, पूछा हाल

Leave a Reply