एमपी: अपनी मांगों पर अड़े जूनियर डॉक्टर्स, काम पर लौटने को तैयार नहीं

एमपी: अपनी मांगों पर अड़े जूनियर डॉक्टर्स, काम पर लौटने को तैयार नहीं

प्रेषित समय :13:55:46 PM / Fri, Jun 4th, 2021

भोपाल. जबलपुर हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं. हड़ताली डॉक्टरों ने शुक्रवार को भी सुबह प्रदेश में प्रदर्शन किया और अपनी मांगें दोहराई. राजधानी भोपाल में जूडा मेंबर्स गांधी मेडिकल कॉलेज के बाहर निकले और सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए.

गौरतलब है गुरुवार को जबलपुर हाई कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध करार दिया था. जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा के मेडिकल कॉलेजों के पीजी के फाइनल ईयर के 468 स्टूडेंट्स के नामांकन कैंसिल कर दिए गए थे. इस कार्रवाई के विरोध में जूडा भड़क गया और तीन हजार मेडिकल स्टूडेंट्स ने इस्तीफे दे दिए. इधर जूडा ने मेडिकल से जुड़े दूसरे संघ का समर्थन होने का भी दावा किया है. इनका दावा है कि दूसरे राज्यों के डॉक्टर भी समर्थन में हैं.

मध्य प्रदेश में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स को जबलपुर हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक बताया और तत्काल हड़ताल को वापस लेने के आदेश दिए हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर पहले से लंबित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया.

वहीं एमपी हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना महामारी के दौरान जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरूरत है ऐसे नाजुक हालातों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को उचित नहीं ठहराया जा सकता. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे के भीतर अगर जूनियर डॉक्टर अपने काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि जूनियर डॉक्टर की अधिकतम मांगों को सरकार ने मंजूर कर लिया है, उसके बावजूद भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं.

सरकार ने डॉक्टरों को दो टूक कह दिया है कि हमने इनकी मांग मान ली है और स्टायपेंड 17 से बढ़ाकर 70 हजार कर दिया है. इसके बावजूद जिस समय मानवता को इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उस वक्त ये हड़ताल कर रहे हैं. ये ठीक नहीं.

जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के चौथे दिन भी कोरोना के साथ ब्लैक फंगस, जनरल ओपीडी, इमरजेंसी सेवाओं को बंद कर रखा. इस हड़ताल पर सरकार और जूनियर डॉक्टर्स के बीच तकरार बनी हुई है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन अपनी मांगों का लिखित आदेश जारी करने की बात को लेकर अड़े हैं. जबकि सरकार ने कहा कि उनकी मांगों को मान लिया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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