कोटा. रेलकर्मचारियों को फ्रंटलाईन वर्कर मानने के लिये सोशल मिडिया पर अभियान चलाया जायेगा. 7 जून सोमवार को प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक देश भर के रेल कर्मचारी सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, रेलवे बोर्ड को ट्विट करेंगे. पश्चिम मध्य रेलवे में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने इसकी व्यापक तैयारी की है.
डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलकर्मचारी ने कोरोना महामारी के दौरान आगे की पंक्ति में रहकर इस कोविड-19 में अहम भूमिका अदा की है. कोरोना काल में भी 24 घंटे गाडिय़ों का संचालन कर अपनी डयूटी पूरी निष्ठा, ईमानदारी से करने में लगे हैं. यहां तक कि सबसे कठोर लॉकडाउन अवधि के दौरान भी वर्ष 2020 या 2021 भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये रखने में प्रमुख योगदान रहा है. रेलवे में 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हुये हंै और 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. ऐसी विषम परिस्थितियों में रेलकर्मचारियों ने कोरोना महामारी में कोरोना वोरियर की भूमिका निभाई है. फिर भी केन्द्र सरकार द्वारा रेलकर्मचारियों को फ्रंटलाईन वर्कर नहीं माना जा रहा है.
इसी क्रम में आज शनिवार 5 जून कोयूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने समस्त रेलकर्मचारियों को सोशल मिडिया के माध्यम से विरोध दर्ज करवाने के लिये दिनांक 07 जून को प्रात: 9.00 बजे सांय 5.00 बजे तक ट्विटर पर माननीय प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, हेल्थ मिनिस्ट्री, रेलवे बोर्ड को ट्विट करे अपना विरोध दर्ज करवाने हेतु आव्हान किया है. इसमें हैशटैग #TreatRailwayEmployeesFrontlineWorker अभियान चलाया जायेगा. श्री गालव ने समस्त रेलकर्मचारियों से अपील की है अधिक से अधिक संख्या में केन्द्र सरकार से रेलकर्मचारी को कोरोना फ्रंटलाईन वर्कर मानने की मांग को लेकर ट्विट किया जाये, जिससे सरकार रेलकर्मचारियों को कोरोना फ्रंटलाईन वर्कर मानें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलकर्मचारियों को कोटा रेलवे सेकेन्ड्री स्कूल में लगेगी कोविड-19 की वेक्सीन
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