दिल्ली के अस्पताल में नर्सों की ड्यूटी के दौरान मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

दिल्ली के अस्पताल में नर्सों की ड्यूटी के दौरान मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

प्रेषित समय :07:55:31 AM / Sun, Jun 6th, 2021

नई दिल्ली. दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करके अपने नर्सिंग कर्मियों को काम के दौरान मलयालम भाषा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है, क्योंकि अधिकतर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं. जिसके कारण बहुत असुविधा होती है. यहां की प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जीआईपीएमईआर) द्वारा जारी परिपत्र में नर्सों से कहा गया है कि वे संवाद के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें या ‘कड़ी कार्रवाई’ का सामना करने के लिए तैयार रहें.

जीबी पंत नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष लीलाधर रामचंदानी ने दावा किया कि यह एक मरीज द्वारा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को अस्पताल में मलयालम भाषा के इस्तेमाल के संबंध में भेजी गई शिकायत के अनुसरण में जारी किया गया है. उन्होंने हालांकि कहा कि ‘‘एसोसिएशन परिपत्र में इस्तेमाल किए गए शब्दों से असहमत है.’’

समझने में कुछ असुविधा हुआ हो रहा हो

दरअसल, देश के अधिकांश अस्पतालों में केरल की ही महिलाएं नर्स के रूप में अपनी सेवाएं देती है. इनकी भाषा मलयालम है. ऐसे में ये अस्पताल के अंदर आपस में मलयालम में ही बात करते हैं. हो सकता है कि इससे मरीजों को समझने में कुछ असुविधा हुआ हो रहा हो.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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