मुंबई. मुंबई में नकली दवा बनाने और उसे बेचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने छापेमारी में 22 लाख रुपये की नकली दवाएं भी जब्त की हैं. ये दवाएं कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही थीं.
पुलिस ने बताया कि उन्होंने एक थोक दवा की कंपनी पर छापा मारकर 22 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं. इस कारोबार में नोएडा और मेरठ की कंपनियां भी शामिल हैं. ये सभी मिलकर नकली दवाओं का व्यापार कर रहे थे. कंपनी में कोरोना के इलाज के लिए धड़ल्ले से नकली दवाएं बनाई और बेची जा रही थी. पुलिस ने रेड मारकर मौके से दो लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है.
कोरोना महामारी के बीच नकली दवाओं का व्यापार भी धड़ल्ले से फल फूल रहा है. ये कोई पहली बार नहीं है जब नकली दवाएं बनाते और उन्हें बेचते किसी को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले भी ऐसी कई खबरें सामने आ चुकी हैं जब नकली इंजेक्शन और दवाएं बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है.
नकली रेमडेसिविर बेचकर 5 दिन में कमाए 1.85 करोड़
पिछले दिनों पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था जो नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन बनाने और उसे बेचने का काम धड़ल्ले से कर रहा था. पुलिस इस मामले में छानबीन के लिए गुजरात के सूरत (Surat) पहुंची थी. वहां पर एक फार्म हाउस से पुलिस ने 700 फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान जब्त किया था. इसमें ग्लूकोज और नमक भी शामिल था. पुलिस को कुछ फूटे हुए इंजेक्शन भी वहां पर मिले. सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी कौशल वोरा ने खुलासा किया है कि दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर नकली इंजेक्शन बेच कर सिर्फ 5 दिनों में उसने 1 करोड़ 85 लाख रुपये कमाए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र पहुंचा मानसून, अनेक इलाकों में शुरू हुआ बारिश का दौर
महाराष्ट्र में सोमवार से शुरू होगी अनलॉक की प्रक्रिया, 5 लेवल में बांटे गए जिले
महाराष्ट्र सरकार की पहल: अपने गांव को ‘कोरोना मुक्त’ बनाओ और जीतो 50 लाख
पाँच चरणों में होगी महाराष्ट्र अनलॉक की प्रक्रिया, ठाकरे सरकार ने की घोषणा
मुंबई में महाराष्ट्र सरकार से अनुदान लेने के लिए ऑटोरिक्शा चालकों का मार्गदर्शन किया गया
Leave a Reply