जयपुर. गहलोत-पायलट के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर मचे घमासान के बीच नेताओं की दिल्ली की दौड़ जारी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी राजधानी में हैं. ताकि हाईकमान के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें. प्रियंका गांधी के शिमला में होने के कारण शनिवार को पायलट की उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. इस बीच सुलह फार्मूले में पायलट को पार्टी महासचिव बनने का ऑफर हाईकमान ने दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है.
कांग्रेस में जयपुर से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है. गहलोत और पायलट गुट के विधायकों की अपने नेताओं के साथ मुलाकातें तेज हो गई हैं. इस बीच नाराजगी को दूर करने के लिए ढाई साल में पहली बार इसी माह में मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिले हैं. अभी सीएम गहलोत के अलावा दस कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हैं. गहलोत कुल 30 मंत्री बना सकते हैं. इस तरह अभी 9 मंत्रियों का पद खाली है. मंत्रिमंडल विस्तार की लड़ाई इन्हीं नौ पदों को लेकर है. गहलोत के लिए इनमें नाराज विधायकों को एडजस्ट करना और ढाई से इंतजार कर रहे अपने खेमे के और निदज़्लीय विधायकों को नाराज न करना बड़ी चुनौती है.
दूसरी ओर, दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट की प्रियंका से अभी मुलाकात नहीं हो पाई. पिछली साल सियासी संकट में प्रियंका ने ही सचिन से बात कर सत्ता संघर्ष पर विराम लगाया था. एक बार फिर पायलट और पार्टी की नजर उन्हीं की ओर है. सूत्रों का कहना है कि पायलट को पार्टी ने महासचिव पद का ऑफर किया था. लेकिन वे तब तक कोई पद नहीं लेंगे, जब तक कि उनके विधायकों और समर्थकों को सरकार और पार्टी में शामिल नहीं कर लिया जाता. वैसे भी पायलट की पहली प्राथमिकता राजस्थान है. वे प्रदेश से बाहर नहीं जाना चाहते.
वहीं राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का दिल्ली दौरा भी पार्टी के सियासी हलकों में चर्चा में है. इस्तीफा दे चुके हेमाराम चौधरी और बाड़मेर के विधायकों ने उन पर अनदेखी के आरोप लगाए थे. उधर पंजाब के विधायकों को उनके मुख्यमंत्री के खिलाफ भड़काने का आरोप भी राजस्व मंत्री पर लगा था. ऐसे में उन्हें डर सता रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में यदि हेमाराम चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो उनका क्या होगा? सूत्र बताते हैं कि वह आलाकमान को अपनी स्थिति स्पष्ट करने दिल्ली गए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान में वसुंधरा राजे लापता के पोस्टर लगे, जानकारी देने पर आकर्षक इनाम का वादा किया गया
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