जबलपुर में जमीन के फर्जीवाड़ा में हो रहे नए नए खुलासे, कलीमुद्दीन तो मोहरा है..!

जबलपुर में जमीन के फर्जीवाड़ा में हो रहे नए नए खुलासे, कलीमुद्दीन तो मोहरा है..!

प्रेषित समय :19:44:28 PM / Sun, Jun 20th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित गोहलपुर पुलिस के हत्थे चढ़े जमीन के फर्जीवाड़ा मामले में कलीमुद्दीन के चार बैंक खातों की जानकारी भी पुलिस के हाथ लगी है, जिनकी आने वाले दिनों में जांच की जाएगी, वहीं मामले में एक और खुलासा हुआ है जिसमें यह बात सामने आ रही है कि कलीमुद्दीन तो मोहरा है, इसके पीछे और भी लोगों के हाथ है, जो नाम सामने आए है उसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्येन्द्रसिंह यादव, अमजद व इरशाद है, जिन्हे पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है लेकिन अभी तक तीनों में किसी ने भी थाना पहुंचकर अपने बयान दर्ज नही कराए है.

गोहलपुर पुलिस के अनुसार केबीसी कंस्ट्रक्शन के संचालक कलीमुद्दीन निवासी न्यू आनंद नगर के हिरासत में लिए जाने के बाद शिकायतें आने का सिलसिला शुरु हो गया है, जिसमें तीन आवेदन गोहलपुर व माढ़ोताल थाना पुलिस को दिए गए है, सभी ने कलीमुद्दीन द्वारा फर्जी रजिस्ट्री कराने, रजिस्ट्री के बाद प्लाट न दिए जाने, चेक बाउंस होने के आरोप लगाए है, अभी तक एक दर्जन से ज्यादा शिकायतें सामने आ चुकी है, जिनकी पुलिस ने जांच शुरु कर दी है.

पांच दिन की रिमांड में पुलिस को पूछताछ में और भी खुलासे हुए है, यह पूरा प्रकरण पौने तीन एकड़ जमीन का है, जिसके मालिक कांग्रेस सेवादल से जुड़े सत्येन्द्र यादव थे, वर्तमान में कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार जमीन की कीमत सवा दो करोड़ रुपए के लगभग है, सत्येन्द्र से ये जमीन अमजद राइन ने आठ करोड़ रुपए में एग्रीमेंट किया जिसकी रजिस्ट्री भाई इरशाद के नाम पर कराई, अमजद ने उक्त जमीन का एग्रीमेंट 9 करोड़ रुपए में कलीमुद्दीन से किया, कलीमुद्दीन ने 6.50 करोड़ रुपए अमजद को दिए एक करोड़ से अधिक सत्येन्द्र यादव के खाते में डाले गए. अमजद ने अनुबंध पौने तीन एकड़ का किया इसके बाद अपने भाई इरशाद से दो बार में 21 व 10 हजार वर्गफीट की ही रजिस्ट्री की.

जबकि अमजद इसमें से सात हजार वर्गफीट जमीन पहले ही किसी और को बेच दिया था. ये बात भी कलीमुद्दीन को छिपाकर एग्रीमेंट किया था. पुलिस का कहना है कि इस जमीन का किसी ने नक्शा भी नही कटवाया, न तो कभी प्लाट का सीमाकंन किया गया, जबकि एक लाख 13 हजार वर्गफीट जमीन में नक्शा के अनुसार छोटा प्लाट काटा गया होता तो 20 हजार वर्गफीट जमीन रोड व नाली में ही निकल जाती, पुलिस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे वैसे इस मामले में और कई तथ्य सामने आ रहे है, दो करोड़ रुपए की जमीन को बेचने का सौदा आठ करोड़ फिर सवा नौ करोड़ रुपए तक हुआ, लेकिन कलीमुद्दीन सहित दूसरे लोगों ने टैक्स नहीं दर्शाया, जिसके चलते टैक्स चोरी का मामला भी सामने आ सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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