गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेता रवि किशन की पंजाब में शूटिंग को ग्रामीणों ने रोक दिया. शूटिंग की तैयारी पूरी हो गई थी, लेकिन ग्रामीणों ने नारेबाजी कर विरोध किया. इससे उन्हें वापस लौटना पड़ा. रवि किसी विज्ञापन फिल्म शूटिंग करने के लिए गए थे. किसानों का कहना है कि भाजपा किसान विरोधी है, इसीलिए हम नहीं चाहते हैं कि रवि किशन यहां आएं.
शूटिंग की तैयारी हो गई थी पूरी
रवि किशन को रूपनगर (रोपड़) जिले के गांव ढंगराली में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. ढंगराली गांव के रणदीप सिंह, सपिंदर सिंह, जतिंदर सिंह ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनके गांव में बीजेपी सांसद किसी विज्ञापन फिल्म शूटिंग करने आए हैं तो उनका विरोध किया.
वहीं, गांव खैरपुर में भी रवि किशन को विरोध का सामना करना पड़ा. एक मकान को शूटिंग के लिए सजाया गया था और मकान मालिक को चालीस हजार रुपये देना तय हुआ था. गांव के नौजवानों ने शूटिंग करने वालों का विरोध करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे के सदस्य दिल्ली मोर्चे पर बैठे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार उनके हक की कोई बात नहीं कर रह रही. ग्रामीणों का कहना है कि वह मोदी सरकार की किसी स्वास्थ्य स्कीम की शूटिंग करने के लिए आए थे. ढंगराली गांव के रणदीप सिंह, सपिंदर सिंह, जतिंदर सिंह ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनके गांव में बीजेपी सांसद किसी विज्ञापन फिल्म की शूटिंग करने आए हैं तो उनका विरोध किया.
सरपंच बोले, मैंने नहीं दी इजाजत
शूटिंग के लिए आए लोगों ने सरपंच की इजाजत से आने की बात कही. वहीं, सरपंच गुरप्रीत सिंह बाठ का कहना है कि बीजेपी के किसी एमपी के आने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. वह 9 तारीख से बाहर गए हुए हैं. जहां तक सांसद के आने की बात है, तो वह बगल के खैरपुर गांव की बात है. उन्होंने कहा कि उन पर लगाए आरोप भी बेबुनियाद हैं. विज्ञापन बनाने वाली फिल्म के लोगों से बात हुई है, उनके पास प्रशासन की अनुमति थी. मैंने शूटिंग की किसी को भी इजाजत नहीं दी.
हेल्थ थीम पर है विज्ञापन फिल्म
विज्ञापन फिल्म वालों के मुताबिक, फिल्म में प्राथमिक सहायता संबंधी जानकारी दी जाएगी, जिसमें कई बड़े डॉक्टर भी जुड़ेंगे. उन्होंने बताया, फिल्म करने वालों को पटवारखाने, सेवा केंद्र का सिर्फ बाहर का सीन और स्कूल में 10-12 बच्चों को बुलाकर उन्हें जानकारी देनी थी, जिससे बच्चे किसी की जान बचा सकें. स्कूल को 11 हजार रुपए नकद सहायता दी जानी थी. वे तो गांव की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश में चार जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में दी गई कोरोना कर्फ्यू में ढील
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