शरद पवार के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने लगाई रोक, शिवसेना एमएलए की आपत्ति के बाद लिया फैसला

शरद पवार के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने लगाई रोक, शिवसेना एमएलए की आपत्ति के बाद लिया फैसला

प्रेषित समय :17:12:38 PM / Thu, Jun 24th, 2021

मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी की सरकार में तीनों दलों के बीच तनातनी की खबरें हैं. दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एनसीपी चीफ शरद पवार के एक फैसले पर रोक लगा दी है. दरअसल मुख्यमंत्री ने टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज करा रहे कैंसर रोगियों को अस्थायी आवास मुहैया कराने के लिए म्हाडा के 100 फ्लैट को अस्पताल को ट्रांसफर किए जाने पर रोक लगा दी है.

राज्य के आवासीय मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बुधवार को इस फैसले की पुष्टि की. शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने कहा कि उन्होंने फ्लैट हस्तांतरित करने के फैसले पर स्थानीय निवासियों की आपत्ति के बारे में मुख्यमंत्री से शिकायत की थी, जिसके बाद हस्तांतरण आदेश पर रोक लगाने का फैसला किया गया.

आव्हाड ने महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण की इमारतों के 100 फ्लैट अस्पताल को आवंटित करने का फैसला किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने मई में अस्पताल प्राधिकारियों को फ्लैट की चाबियां सौंपी थीं.

चौधरी ने कहा कि इन फ्लैट के आस-पास रह रहे 1,000 से अधिक परिवारों ने अस्थायी आधार पर वहां आ रहे बाहरी लोगों के कारण हो रही दिक्कतों के कारण आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि मैंने आवासीय मंत्री से स्थानीय लोगों की समस्याओं के बारे में कई बार शिकायत की थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसलिए, मुझे मुख्यमंत्री से अनुरोध करना पड़ा.

चौधरी ने कहा कि म्हाडा अस्पताल को एक पूरी इमारत आवंटित कर सकता है, ताकि अस्पताल के लिए उसका प्रबंधन आसान हो. उन्होंने कहा कि चार साल पहले उनकी पत्नी की कैंसर से मौत हो गई थी और उन्होंने अपने धन से अपनी पत्नी के नाम पर एक न्यास स्थापित किया, जो कैंसर मरीजों को चिकित्सकीय उपचार हासिल करने में मदद कर रहा है. चौधरी ने कहा कि किसी को मुझे कैंसर मरीजों को होने वाली परेशानियां बताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मेरा परिवार इस समस्या से जूझ चुका है.

ठाकरे के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक ने टिप्पणी की है. विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि सत्ता के सामने इंसानियत का कोई मोल नहीं रह गया. उन्होंने दावा किया कि पवार के फैसले पर रोक लगा कर ठाकरे ने यह दिखाने की कोशिश की है कि उनकी नजर में एनसीपी चीफ की अहमियत क्या है. फैसले पर रोक लगाकर ठाकरे ने यह साफ कर दिया है कि वह राज्य के बॉस हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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