नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ज्वैवर्स को बड़ी राहत दी है. ज्वेलर्स को गोल्ड लोन चुकाने का एक और ऑप्शन जल्द मिलने वाला है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के नए प्रावधान के बाद अब ज्वेलर्स गोल्ड लोन का कुछ पार्ट फिजिकल गोल्ड के रूप में लौटा सकते हैं.
रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों से कहा किसे कहा कि वह ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और घरेलू गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स को गोल्ड (मेटल) लोन (GML) का कुछ हिस्सा सोने के रूप में लौटाने का विकल्प उपलब्ध कराएं. जीएमएल का पेमेंट भारतीय रुपए में उधार लिए गए गोल्ड के मूल्य के बराबर राशि पर किया जाता है. रिजर्व बैंक ने अब इन नियमों की समीक्षा की है.
भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, बैंकों को गोल्ड लोन का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक गोल्ड के रूप में लौटाने का विकल्प लेनदारों को देना चाहिए. हालांकि, इसमें कुछ शर्तें होंगी.
मौजूदा निर्देशों के मुताबिक गोल्ड का आयात करने के लिए प्राधिकृत बैंक और गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम यानी जीएमएस 2015 में भागीदारी करने वाले प्राधिकृत बैंक ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और गोल्ड ज्वैलरी के घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को जीएमएल उपलब्ध करा सकते हैं.
2015 में शुरू हुई थी जीएमएस
गौरतलब है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत आप अपना गोल्ड बैंक में जमा कर सकते हैं. इस स्कीम में बैंक ब्याज देते हैं. सरकार ने 2015 में यह स्कीम शुरू की थी. इसका मकसद घरों और ट्रस्ट में रखे गोल्ड का बेहतर उपयोग करना है
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प्रधानमंत्री मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक जारी, कश्मीर के नेता रख रहे हैं अपनी बात
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