भारतीय सीमा के पास चीन ने शुरू की बुलेट ट्रेन, 48 घंटे का सफर 13 घंटे में हो जाएगा पूरा

भारतीय सीमा के पास चीन ने शुरू की बुलेट ट्रेन, 48 घंटे का सफर 13 घंटे में हो जाएगा पूरा

प्रेषित समय :13:24:14 PM / Fri, Jun 25th, 2021

नई दिल्ली. चीन ने तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली बार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन का परिचालन आज शुक्रवार 25 जून को शुरू किया. इससे तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा और न्यिंगची जुड़ गए हैं. न्यिंगची तिब्बत की सीमावर्ती नगर है जो रणनीतिक रूप से अहम भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के करीब है. यह 435.5 किमी लंबे सेक्शन ल्हासा-न्यिंगची का उद्घाटन चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शताब्दी समारोहों से करीब छह दिन पहले की गई है. सीपीसी का शताब्दी समारोह 1 जुलाई को होगा.

25 जून की सुबह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में इलेक्ट्रिफाइड रेलवे पहली बार खुला है. ल्हासा से न्यिंगची के बीच फूक्सिंग बुलेट ट्रेनों का हिमालय के पठारी क्षेत्रों में आधिकारिक परिचालन शुरू हुआ. किंगहई-तिब्बत रेलवे के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत में दूसरी रेलवे होगी. यह रेलवे लाइन किंगहई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र से होकर गुजरेगी. यह क्षेत्र दुनिया के सबसे सक्रिय भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है.

नवंबर महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने अधिकारियों को एक नए रेलवे प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन पर काम करने का निर्देश दिया था. इसके तहत सिचुआन प्रांत तो तिब्बत में न्यिंगची से जोड़ने वाली रेल परियोजना पर तेज गति से काम करने का निर्देश दिया गया. चीन के मुताबिक यह रेलवे लाइन सीमा पर स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन की शुरुआत सिचुआन प्रांत के चेंगदू से होगी जो यान से होकर गुजरेगी और फिर काम्डो से होते हुए तिब्बत में प्रवेश करेगी. इससे चेंगडू से ल्हासा के बीच घटकर 13 घंटे रह जाएगी. अभी चेंगडू से ल्हासा के बीच का सफर 48 घंटे का है.

रिपोर्ट के मुताबिक न्यिंगची मेडोग का प्रांत स्तर का शहर है और यह अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत के हिस्से के तौर पर दावा करता है. हालांकि भारत दृढ़तापूर्वक इस दावे को खारिज करता है. भारत और चीन के बीच 3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है. शिंघुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च डिपार्टमेंट के निदेशक कियान फेंग ने कुछ समय पहले ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में कहा था कि अगर भारत और चीन सीमा पर कोई भी संकट की स्थिति बनती है तो रेलवे के जरिए ही चीन रणनीतिक सामग्री को आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

गलवान घाटी के बाद मिला चीनी सेना को सबक, उन्हें महसूस हुई ज्यादा तैयारी की जरूरत: बिपिन रावत

नेपाल में बाढ़ से मची तबाही का चीन से क्या है कनेक्शन? भारत में भी पानी का सैलाब

सैमसंग ने चीन को दिया बड़ा झटका, यूपी के नोएडा शिफ्ट की डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट

चीन के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट की संदिग्ध हालात में मौत, पुलिस का हत्या की संभावना से इंकार

खुफिया रिपोर्ट में खुलासा: सीमा पर मात खाने के बाद भारत में साइबर घुसपैठ की तैयारी कर रहा चीन

चीन ने 90 दिन के लिए अंतरिक्ष पर भेजे तीन अंतरिक्ष यात्री, पूरा करेंगे स्पेस स्टेशन का काम

Leave a Reply