रायपुर. छत्तीसगढ़ में सरकार बहुमूल्य खनिजों हीरा, सोना, चांदी, तांबा, टंगस्टन, बेसमेटल, निकिल, बाक्साइड और लौह अयस्क के नए क्षेत्रों की तलाश करेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक में नए खनिज क्षेत्रों की खोज के लिए तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कंपनियों के सहयोग से करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
बैठक में उन्हें बताया गया कि इस वर्ष लौह अयस्क के 10 व चूना पत्थर के आठ समेत कुल 18 खदानों की नीलामी की जा रही है. इससे छह माह में लगभग 200 करोड़ स्र्पये प्राप्त होगा. वहीं इन खदानों में खनन प्रारंभ होने से प्रतिवर्ष लगभग 1998 करोड़ का राजस्व प्रदेश को मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में अनुपयोगी खदानों में जहां पानी इक_ा है, वहां पंप लगाकर किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जाए. गौण खनिज रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द किया जाए. बता दें कि पंचायतों को रेत से प्राप्त रायल्टी पर 25 प्रतिशत अधिक रायल्टी देने का प्रावधान है. मार्च 2020 की स्थिति में प्रविधान के अनुसार ग्राम पंचायतों को 19 करोड़ 20 लाख 94 हजार स्र्पये के वितरण की कार्रवाई विभाग कर रहा है.
दोवगुड़ी, घोटुल के साथ गोठानों में होगा डीएमएफ का उपयोग
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित किए गए गोठानों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ फंड) की राशि का उपयोग किया जाए. चरागाह के विकास, गोठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटरों के लिए शेड का निर्माण सहित बस्तर अंचल में देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के कार्य भी इस मद से किए जाएं.
ग्रामीण अंचल के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मुख्यमंत्री हाट बाजार, क्लीनिक योजना काफी प्रभावी सिद्ध हो रही है. इस योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था करने में भी इस मद का उपयोग किया जाए. हाल ही में जिलों में की गई विभिन्न घोषणाओं पर अमल के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए.
बैठक के प्रमुख बिंदु
- खनिज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कंपनियों से मदद के प्रस्ताव को दी मंजूरी.
- इस वर्ष कुल 18 खदानों की नीलामी की है तैयारी, खदानें चालू हो जाने पर सरकार को हर साल मिलेगा 1998 करोड़ का राजस्व.
- रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द करने के निर्देश, ग्राम पंचायतों को मिलेगा 19.20 करोड़ से अधिक.
- अनुपयोगी खदानों में जमा पानी का सिंचाई के लिए किया जाए उपयोग, यहां पंप लगाकर किसानों को पहुंचाया जाए लाभ.
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