नई दिल्ली. केरल में कोरोना महामारी की स्थिति गंभीर है, लेकिन राज्य ने मंगलवार को कोविड-19 मरीजों के शवों को उनके घरों तक ले जाने की इजाजत दे दी, जिससे रिश्तेदार उनका अंतिम संस्कार के अनुष्ठान कर सकें. कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक अभी तक शवों को घरों में रखने की इजाजत नहीं थी. देश में जहां कोरोना की दूसरी लहर थमती हुई दिख रही है, वहीं केरल में अभी भी कोरोना के मामले 5 अंकों में आ रहे हैं.
पिछले हफ्ते तक राज्य में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी के करीब रहा, वहीं देश में ये दर 2.74 फीसदी था. देश में 5.52 लाख एक्टिव मामलों में से अकेले केरल के ही एक लाख मामले हैं. एक रिव्यू मीटिंग के बाद सीएम पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महामारी में सबसे बड़ा मुद्दा यह था कि रिश्तेदार अपने प्रियजनों (जो कोविड के कारण मारे गए) के शव नहीं देख सकते थे.
सरकार चाहती है कि कोविड -19 पीड़ितों के शवों को उनके घरों पर एक विशिष्ट समय के लिए और उनकी आस्था के मुताबिक अनुष्ठान के लिए रखा जाना चाहिए, इसके लिए एक घंटे का समय दिया जाएगा. हालांकि उन्होंने इस ओर इशारा भी किया कि राज्य की स्थिति अभी चिंता का कारण है. सीएम ने कहा कि औसत टीपीआर अभी भी 10 फीसदी से ऊपर है. हम धीरे-धीरे टीपीआर को घटाकर 29.75 से 10 फीसदी पर कर पाए हैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक आगे कोई गिरावट नहीं हुई है. यह चिंता की वजह है कि टीपीआर 10 फीसदी से नीचे नहीं जा रही है. पिछले सप्ताह के आंकड़े बताते हैं कि एक्टिव मामलों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-देशद्रोह केस: फिल्म प्रोड्यूसर आयशा सुल्ताना को केरल हाईकोर्ट से मिली अग्रिम ज़मानत
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