चंडीगढ़. पंजाब में जारी बिजली संकट चर्चा का विषय बन हुआ है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस संकट से निपटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सही दिशा में काम करने की नसीहत दी है. हालांकि बिजली संकट के बीच अब उनसे जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है.
पंजाब में जारी बिजली संकट के मुद्दे को लेकर अपनी ही कांग्रेस सरकार और पूर्व की अकाली दल की सरकार को घेरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू खुद ही अपने घर का बिजली का बिल पिछले कई महीनों से नहीं भर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, पिछले 9 महीने से नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना बिल नहीं भरा है और उन पर कुल मिलाकर 8,67,540 रुपए बकाया है.
दरअसल हाल ही में कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू ने पावर कट के मुद्दे पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरा था और कहा था कि सही दिशा काम किया जाए तो बिजली कटौती की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. लेकिन जब पता लगाया गया तो खुद नवजोत सिंह की ही इस मामले में पोल खुलती नजर आई.
सिद्धू ने क्या कहा था?
पंजाब सरकार को घेरते हुए सिद्धू ने कहा था कि पंजाब 4.54 रुपए प्रति यूनिट की औसत लागत पर बिजली खरीद रहा है. राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपए है और चंडीगढ़ में 3.44 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी जाती है. पंजाब को बिजली खरीदने के लिए 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है और 5-8 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदनी पड़ती है जो बाकी राज्यों से ज्यादा हैं. उन्होंने आगे कहा, बादल सरकार ने 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट के साथ बिजली खरीद समझौते एग्रीमेंट साइन किया. इस एग्रीमेंट में गलत क्लॉज के कारण साल 2020 तक पंजाब सरकार पहले ही 54 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है और पंजाब के लोगों के 65 हजार करोड़ रुपए का भुगतान फिक्स्ड चार्ज के रूप में कर सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीएम केजरीवाल का बड़ा ऐलान: अगर पंजाब में AAP की सरकार बनी तो मुफ्त देंगे 300 यूनिट बिजली
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