नई दिल्ली/कोटा. देश में कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, इससे बचाव के लिए सरकार लोगों को जागरुक कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ रेलवे के रनिंग स्टाफ के साइन ऑन/साइन ऑफ, ब्रीथ एनालाइजर टेस्टिंग और बायामेट्रिक सत्यापन का काम फिर से शुरू कर दिया गया है, जिसका विरोध वेस्ट सेेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के माध्यम करते हुए रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर 31 दिसम्बर 2021 तक इस पर रोक लगाने की मांग की है.
इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि पूर्व में डबलूसीआरईयू/एआईआरएफ की कोरोना संक्रमण महामारी को देखते हुए रेल कर्मचारियों के ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट और रनिंग स्टाफ के बायामेट्रिक सत्यापन से छूट 30 जून 2021 तक बढ़ाई गई थी. अभी भी कोविड-19 का प्रकोप समाप्त नहीं हुआ है. वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं. जो कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट में उत्परिवर्तन के कारण अधिक संक्रामक और संक्रामक हो सकती है.
सीआरबी को लिखा पत्र, छूट 31 दिसम्बर तक बढ़ाया जाए
श्री गालव ने बताया कि एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने चेयरमैन रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर तत्काल ही रेल कर्मचारियों के बायोमैट्रिक सत्यापन और रनिंग स्टाफ के ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट की छूट को 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ाने की मांग करते हुए इसे गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही आदेश जारी करने की मांग की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे ने स्टाफ के तबादलों पर 30 सितम्बर तक लगाई रोक, डबलूसीआरईयू-एआईआरएफ ने बनाया था दबाव
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