जबलपुर : कर्मचारियों के रेस्ट हाउस श्वेताम्बरी को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, डबलूसीआरईयू ने जताया विरोध

जबलपुर : कर्मचारियों के रेस्ट हाउस श्वेताम्बरी को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, डबलूसीआरईयू ने जताया विरोध

प्रेषित समय :13:00:46 PM / Tue, Jun 15th, 2021

जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल ने कर्मचारियों-अधिकारियों के रेस्ट हाउस श्वेताम्बरी को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे इस रेस्ट हाउस को सफेद हाथी मान रहा है और यहां से वह अतिरिक्त कमाई करना चाह रहा है। वहीं रेल प्रशासन के इस निर्णय पर वेस्ट सेेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलसीआरईयू) ने विरोध जताते हुए पमरे के महाप्रबंधक को एक पत्र लिखकर इस योजना पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है।

डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों रेल मंडलों जबलपुर, कोटा व भोपाल से आने वाले कर्मचारियों के लिए जबलपुर मुख्यालय में एकमात्र रेस्ट हाउस श्वेताम्बरी है, जिसका संचालन प्राइवेट ठेकेदार को कांट्रेक्ट पर दिया जा रहा है। इस कांट्रेक्ट के अनुसार रेस्ट हाउस के 40 प्रतिशत कमरे रेल कर्मचारियों के रुकने के लिए एवं शेष 60 प्रतिशत कमरे ठेकेदार अपनी इच्छानुसार यात्रियों/आम जनों को रुकने के लिए आवंटित कर सकेगा।

तीनों मंडलों से आने वाले अफसर, कर्मचारियों के लिए होगी परेेशानी

यूनियन महामंत्री श्री गालव ने जीएम को लिखे पत्र पर इस निर्णय का पुरजोर विरोध जताते हुए कहा है कि जबलपुर में श्वेताम्बरी एकमात्र रेस्ट हाउस है, जिसमें विभिन्न मंडलों से पमरे मुख्यालय एवं मंडल कार्यालय में शासकीय कार्य से आने वाले कर्मचारियों की ठहरने की व्यवस्था रहती है। साथ ही जो अधिकारी बाहर से स्थानांतरित होकर आते हैं, उन्हें भी परमानेंट  निवास स्थान की व्यवस्था हो जाने तक श्वेताम्बरी में अस्थायी रूप से ठहराया जाता है। ऐसी स्थिति में श्वेताम्बरी के 40 प्रतिशत कमरों से कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था में बहुत असुविधा उत्पन्न हो जायेगी तथा कर्मचारियों को यहां ठहरने के लिए स्थान मिल पायेगा, इसकी संभावना काफी कम हो जायेगी। इस रेस्ट हाउस की आक्युपेंसी लभग 80 फीसदी है। दूसरी ओर नीलाम्बरी रेस्ट हाउस, जिसकी औसतन आक्युपेंसी मात्र 10 प्रतिशत रहती है, इस रेस्ट हाउस को निजी हाथों में देकर रेलवे अपनी आय बढ़ा सकता है। श्री गालव ने महाप्रबंधक से आग्रह किया है कि यूनियन चाहती है कि उपरोक्त परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुए मुख्यालय के श्वेताम्बरी रेस्ट हाउस को निजी हाथों में नहीं दिया जाए एवं रेल की आय बढ़ाने के लिए नीलाम्बरी रेस्ट हाउस को निजी हाथों में सौंपा जाना चाहिए।

35-40 लाख रुपए सालाना कर रहे खर्च

वहीं जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विश्वरंजन ने कहा है कि मंडल रेल प्रशासन की श्वेताम्बरी रेस्ट हाउस को निजी हाथोंं में सौंपने की तैयारी है। जिससे रेलवे का अभी यहां पर सालाना 35 से 40 लाख रुपए व्यय हो रहा है, वह बचेगा, साथ ही रेलवे को अतिरिक्त आय होगी। कर्मचारियों के लिए यहां पर रूम रिजर्व रखे जाएंगे।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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