नई दिल्ली. ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में अनुमति दे दी है, मगर रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे ओडिशा में निकालने पर पाबंदी लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने पूरे राज्य में रथ यात्रा की याचिका को खारिज कर दिया है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए महामारी के फैलने की आशंका बढ़ सकती है, इसलिए ओडिशा सरकार के आदेश से सहमत है. ओडिशा सरकार ने कोरोना के कारण जगन्नाथ रथ यात्रा को पुरी तक सीमित रखने का फैसला लिया था. ओडिशा सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जहां आज सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
याचिकाकर्ता के वकील एके श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल पहली बार हमें धार्मिक अनुष्ठान करने से रोका गया था, मगर इस साल हमने सभी नियमों का पालन करते हुए तैयारी की है. जिस प्रकार पुरी के मंदिर को अनुमति दी गई है वैसे ही नीलगिरि, सत्संग, बारीपदा में जगन्नाथ मंदिरों को भी रथ यात्रा की अनुमति दी जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि वह खुद भी पूजा के लिए जाते थे, लेकिन अभी ये समय इसके लिए नहीं है. सरकार द्वारा किए गए मुल्यांकन को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, सरकार का फैसला सही है.
ओडिशा सरकार ने पुरी की रथ यात्रा को कुछ शर्तों के साथ ही अनुमति दी गई है. रथ खींचने वाले 500 लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट के बाद ही उनहे रथ खींचने को मिलेगा. आपकों बता दें कि 12 जुलाई को जगन्नाथ की रथ यात्रा आरंभ होगी. पुरी में जगन्नाथ का निवास स्थान है जिसकी वजह से इसे जगन्नाथपुरी भी कहा जाता है. श्री विष्णु का 10वें अवतार के रूप में भगवान जगन्नाथ को माना जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-12 जुलाई को आयोजित होगी पुरी की जगन्नाथ यात्रा, नहीं होगी श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति
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